इसके विरोध में ग्रामीणों ने पांच माह पूर्व बीडीओ को आवेदन देकर नल जल के बोरिग कार्य को रोकने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि नियमों की अनदेखी कर बोरिग का कार्य निजी जमीन पर किया गया है। आवेदन मिलने के बाद बीडीओ ने सचिव व मुखिया को कार्य रोकने का निर्देश दिया गया। इसके बाद काम भी रोक दिया गया। लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी के निर्देश के बाद भी पुन: नल जल का कार्य उस निजी जमीन पर शुरू कर दिया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना के तहत रामनगर गांव के वार्ड नंबर 13 में जेई के द्वारा भी स्थल चयन में घोर लापरवाही बरती गई है। वार्ड में पर्याप्त भूमि रहने के बाद भी निजी भूमि पर नल जल योजना की बोरिग कराई गई है। जिस पर जलमीनार का निर्माण कराया जाना है। जिसके कारण सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। जेई व वरीय पदाधिकारी द्वारा जानबूझ कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 08, 2020
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