उम्मीदवारों का यह मानना है कि शैक्षणिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मी इस चुनाव के प्रति जागरुक हैं लिहाजा उनके सामने वोट मांगना बेहतर है. संस्थानों में कार्यरत वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है. हालांकि मतदान को केवल दो सप्ताह ही बचा है किंतु अभी तक किसी भी दल के समर्थित प्रत्याशी की ओर झुकाव बनता नहीं दिख रहा है. इससे प्रत्याशियों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
बता दें कि कोसी में लगभग दो लाख डिग्रीधारी प्रत्याशी हैं जिसमें से केवल 8771 स्नातक उर्तीण को मतदाता बनाया गया है. मतदाता बनाने का काम संबंधित प्रत्याशियों द्वारा अपने खर्च पर किया जाता है. लिहाजा उन प्रत्याशियों को यह भरोसा है कि वे जिन्हें मतदाता बनाए हैं उन्हें उनका वोट तो मिलेगा ही.
(रिपोर्ट: कुमारी मंजू)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 08, 2020
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