मजदूरों का नून रोटी खायेंगे बाहर नहीं जाएंगे का वादा फ्लॉप: बढ़ते कोरोना संकट के बीच मजदूरों का पलायन जारी
कोरोना के बढ़ते आंकड़े सरकार और आम लोगों को डरा रही है. इसी बीच अन्य प्रदेश से पांव पैदल, बस और ट्रेन से अपने गांव आये प्रवासी मजदूर.
सरकार के उन तमाम दावा कि प्रवासी मजदूर को उनके जिले मे रोजगार मुहैया कराया जायेगा इसी उम्मीद पर प्रवासी मजदूर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सीधी जन संवाद में मुख्यमंत्री को मजदूर ने यह कहकर पूरे देश में बिहारी मजदूर चर्चा में आया कि नून रोटी खायेंगे बाहर नहीं जाएंगे लेकिन एक पखवाड़े भी अभी बीते नहीं कि आये प्रवासी मजदूर दो जून की रोटी के लिए एक बार फिर पलायन करना शुरू कर दिया.
वहीं पलायन करने वाले मजदूर बताते हैं घर पर रोज़गार नहीं मिल रहा है यहां भूख से मर जाएंगे, बाहर जाते तो कोरोना से मर जाएंगे तो क्या फर्क पड़ता है. दोनों हालत में मजदूर की किस्मत में मरना लिखा है लेकिन सच्चाई यह है कि पंजाब, हरियाणा में फिलहाल धान रोपनी शुरू है लेकिन लॉकडाउन में इन प्रदेशों में मजदूर नहीं मिलने के कारण खेती ठप है. मजदूर के अभाव में पंजाब, हरियाणा के किसानों ने कोशी के मजदूर और मजदूर के ठेकेदार से सम्पर्क कर उन्हे मुंहमाँगी मजदूरी सहित अन्य सुविधा देने का भरोसा दिया और आने का न्यौता दिया लेकिन मजदूरों को पंजाब, हरियाणा जाने का साधन नहीं होने का उन प्रदेशों के किसानों ने मजदूरों को लाने के लिए पंजाब और हरियाणा से बस भेजना शुरू कर दिया. पिछले कई दिनों से कोशी के सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले से ठेकेदार के जरिए मजदूरों का पलायन जारी है.
मालूम हो कि पंजाब से दर्जनों स्कूल बस कोशी के तीनों जिले में देखा जा सकता है. बस पर पंजाब, हरियाणा के किसान गांव में मजदूर के ठेकेदार से सम्पर्क कर मजदूरों को लेकर जा रहे थे. वहीं सूत्र कि माने तो पंजाब के किसानों की मुंहमांगी मजदूरी देने की बात पर मजदूरों को लेकर जा रहे हैं. सूत्र की माने तो पहले मजदूर को जिस काम की मजदूरी 2 हजार मिलती थी उसी काम का फिलहाल 8 हजार मजदूरी पर तय कर ले जा रहे हैं. इतना ही नहीं मजदूरों को रहने, मजदूर को लेकर जाने की फ्री व्यवस्था की है सिर्फ मजदूर खाना का व्यवस्था स्वयं करेंगे.
अनलॉक-1 शुरू होते ही मजदूरों का पलायन शुरू हो गया. सरकार बार-बार रोजगार देने की बात पर मजदूर को भरोसा नहीं है क्योंकि एक माह बीतने के बाद भी उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा है. मजदूर सरकार के दावे को नकारते हुए अब कुछ तो पलायन कर दिया है और कुछ पलायन की तैयारी में है.
मजदूरों के पलायन करने की बढ़ रही होड़ का आलम यह है कि शनिवार को कुमारखणड थाना क्षेत्र के छर्रापट्टी गांव में मजदूर को ले जाने पंजाब से आयी बस को जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो मजदूरों ने उसका विरोध कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया. स्थिति विस्फोटक देख एसपी, एसडीपीओ के साथ कई थाना के पुलिस और कमांडो को मोर्चा सम्भालना पड़ा, साथ ही जिला प्रशासन के एसडीएम, बीडीओ, सीओ ने मिलकर मामले को शान्त किया.
सरकार के उन तमाम दावा कि प्रवासी मजदूर को उनके जिले मे रोजगार मुहैया कराया जायेगा इसी उम्मीद पर प्रवासी मजदूर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सीधी जन संवाद में मुख्यमंत्री को मजदूर ने यह कहकर पूरे देश में बिहारी मजदूर चर्चा में आया कि नून रोटी खायेंगे बाहर नहीं जाएंगे लेकिन एक पखवाड़े भी अभी बीते नहीं कि आये प्रवासी मजदूर दो जून की रोटी के लिए एक बार फिर पलायन करना शुरू कर दिया.
वहीं पलायन करने वाले मजदूर बताते हैं घर पर रोज़गार नहीं मिल रहा है यहां भूख से मर जाएंगे, बाहर जाते तो कोरोना से मर जाएंगे तो क्या फर्क पड़ता है. दोनों हालत में मजदूर की किस्मत में मरना लिखा है लेकिन सच्चाई यह है कि पंजाब, हरियाणा में फिलहाल धान रोपनी शुरू है लेकिन लॉकडाउन में इन प्रदेशों में मजदूर नहीं मिलने के कारण खेती ठप है. मजदूर के अभाव में पंजाब, हरियाणा के किसानों ने कोशी के मजदूर और मजदूर के ठेकेदार से सम्पर्क कर उन्हे मुंहमाँगी मजदूरी सहित अन्य सुविधा देने का भरोसा दिया और आने का न्यौता दिया लेकिन मजदूरों को पंजाब, हरियाणा जाने का साधन नहीं होने का उन प्रदेशों के किसानों ने मजदूरों को लाने के लिए पंजाब और हरियाणा से बस भेजना शुरू कर दिया. पिछले कई दिनों से कोशी के सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले से ठेकेदार के जरिए मजदूरों का पलायन जारी है.
मालूम हो कि पंजाब से दर्जनों स्कूल बस कोशी के तीनों जिले में देखा जा सकता है. बस पर पंजाब, हरियाणा के किसान गांव में मजदूर के ठेकेदार से सम्पर्क कर मजदूरों को लेकर जा रहे थे. वहीं सूत्र कि माने तो पंजाब के किसानों की मुंहमांगी मजदूरी देने की बात पर मजदूरों को लेकर जा रहे हैं. सूत्र की माने तो पहले मजदूर को जिस काम की मजदूरी 2 हजार मिलती थी उसी काम का फिलहाल 8 हजार मजदूरी पर तय कर ले जा रहे हैं. इतना ही नहीं मजदूरों को रहने, मजदूर को लेकर जाने की फ्री व्यवस्था की है सिर्फ मजदूर खाना का व्यवस्था स्वयं करेंगे.
अनलॉक-1 शुरू होते ही मजदूरों का पलायन शुरू हो गया. सरकार बार-बार रोजगार देने की बात पर मजदूर को भरोसा नहीं है क्योंकि एक माह बीतने के बाद भी उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा है. मजदूर सरकार के दावे को नकारते हुए अब कुछ तो पलायन कर दिया है और कुछ पलायन की तैयारी में है.
मजदूरों के पलायन करने की बढ़ रही होड़ का आलम यह है कि शनिवार को कुमारखणड थाना क्षेत्र के छर्रापट्टी गांव में मजदूर को ले जाने पंजाब से आयी बस को जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो मजदूरों ने उसका विरोध कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया. स्थिति विस्फोटक देख एसपी, एसडीपीओ के साथ कई थाना के पुलिस और कमांडो को मोर्चा सम्भालना पड़ा, साथ ही जिला प्रशासन के एसडीएम, बीडीओ, सीओ ने मिलकर मामले को शान्त किया.
मजदूरों का नून रोटी खायेंगे बाहर नहीं जाएंगे का वादा फ्लॉप: बढ़ते कोरोना संकट के बीच मजदूरों का पलायन जारी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 14, 2020
Rating:
No comments: