जमीन विवाद में फौजी की बदमाशों ने गोली मारकर की हत्या

मधेपुरा जिले के भर्राही ओपी क्षेत्र के जीवछपुर गांव में शनिवार की रात बेखौफ बदमाशों ने सेवानिवृत्त फौजी के घर जाकर गोली मार कर हत्या कर दी. जमीन विवाद में हत्या करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने परिजनों की आशंका पर चार लोगों को हिरासत में लिया है.

ओ.पी. प्रभारी त्रिभुवन पांडेय ने बताया कि घटना रात के 11-12 बजे रात का बताया जाता है, बताया गया कि मृतक फौजी घर के बरामदे पर सोया था इसी दौरान दो युवक बाइक से उतरकर फौजी के घर के ग्रील के पास पंहुचकर फौजी को आवाज लगाया और बोला कि मुझे भाड़े पर मैजिक गाड़ी लेना है. फौजी ने युवक को बताया कि गाड़ी का ड्राइवर नहीं है. फिर युवक ने फौजी को बुलाया, फौजी जैसे ही घर के ग्रील के पास आया बदमाशों ने गोली चला दी. गोली फौजी की कनपटी में लगी और वह वहीं गिर पड़ा. आवाज सुनकर परिवार के लोग उठे तो घायल फौजी को आनन-फानन में इलाज के सदर अस्पताल लाया जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

वहीं प्रभारी ने बताया कि घटना को अंजाम किसने दिया किसी ने नहीं देखा. उन्होंने  बताया कि जमीन विवाद को लेकर उनके पड़ोसी नवीन यादव से विवाद चल रहा था. 26 मई को ओपी में दोनो पक्ष के बीच पंचायत हुआ था और मामला समाप्त हो गया.

पांच दिन पहले मृतक के पुत्र अनुज ने आवेदन देकर शिकायत किया कि नवीन यादव और उनके समर्थक अक्सर राह चलते गाली-गलौज और धमकी देते हैं. इस बावत मामला नन बेलेबुल धारा के तहत मामला दर्ज किया गया था. 

उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों ने घटना जमीन विवाद के होने और हत्या में नवीन यादव सहित अन्य के शामिल होने की आशंका जताई है जिसमें पुलिस ने जीवछपुर गांव वार्ड नंबर 6 के मनोज कुमार यादव, प्रभाष कुमार, सौरव कुमार और सकरपुरा गांव के शंकर कुमार को हिरासत में लिया है, जबकि नवीन यादव  फरार बताया जा रहा है.

श्री पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके परिजनों को सौंप दिया  गया है. फिलहाल मृतक के परिजनों द्वारा घटना को लेकर कोई आवेदन नहीं दिया गया है, आवेदन मिलने पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
हत्या के लिए पुलिस की लापरवाही मान रही है परिजन.

मालूम हो कि सेवानिवृत कैप्टेन सियाराम प्रसाद यादव 10 वर्ष पूर्व फौज से सेवानिवृत होकर अपने परिवार के साथ गांव में रह रहे थे. ग्रामीण बताते हैं कि फौजी स्व० यादव 1971 में पाकिस्तान, असम में अल्फा उग्रवादी, पंजाब में युद्ध कर देश का गौरव बढ़ाया. इसी वीर गाथा को लेकर उन्हे राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था. गांव के परोसी नवीन यादव से तीन कट्ठा जमीन को लेकर विवाद शुरू हुआ. एक पखवाड़े  पूर्व पुलिस के हस्तक्षेप से ओपी में फौजी और परोसी नवीन यादव का पंचायत के जरिये विवाद समाप्त हो गया था लेकिन पंचायत के बाद फिर नवीन यादव उसी जमीन को जोत लिया. 

ओपी में फौजी के पुत्र ने घटना को लेकर आवेदन दिया लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. 29 मई को फौजी के पुत्र अनुज कुमार ने ओपी में आवेदन देकर आरोप लगाया कि नवीन यादव और उनके समर्थक राह चलते गाली-गलोज और जान से मारने की धमकी देते हैं लेकिन भर्राही पुलिस आवेदन को गंभीरता से नहीं लिया तो फौजी पुत्र ने एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी तो एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया जिसपर ओपी पुलिस ने 5 दिन पूर्व  मामला दर्ज किया, लेकिन पुलिस के मामले को गम्भीरता से नहीं लेने के कारण बदमाशों ने पिता की हत्या कर दी.

वहीं परिजन की माने तो पुलिस मृतक के शिकायत को गम्भीरता से लिया होता और बार-बार जान से मार देने की धमकी और जबरन खेत जोतने की घटना पर पुलिस पहल की होती तो देश की सेवा करने वाले जांबाज फौजी की मौत नहीं होती.

परिजन ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि जान से मारने की धमकी को पुलिस ने नन-बेलेवल धारा के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को घटना करने का छूट दे दिया.
जमीन विवाद में फौजी की बदमाशों ने गोली मारकर की हत्या जमीन विवाद में फौजी की बदमाशों ने गोली मारकर की हत्या Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 14, 2020 Rating: 5

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