ये मधेपुरा मेडिकल कॉलेज की पहली बड़ी उपलब्धि है जब मधेपुरा के सात कोरोना पीड़ित मदरसा छात्रों को पुनः जांच में नेगेटिव पाए जाने पर गुरुवार को होम कोरेन्टीन के लिए विदा कर दिया गया। इस अवसर पर इन छात्रों को ताली बजाकर मेडिकल कॉलेज कर्मियों ने विदाई दी।
दरअसल इन छात्रों की कोरोना मुक्ति मधेपुरा स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पहली बड़ी उपलब्धि भी है।
इन छात्रों के बारे में जानकारी दे दूं कि ये अपने अन्य मदरसा छात्रों के साथ गत छह मई को मधेपुरा आये थे। तब कुल 25 छात्रों को प्राथमिक जांच के बाद कोरेन्टीन कर इनकी कोरोना जांच हुई तो सात छात्र कॅरोना पीड़ित पाए गए थे। लिहाजा इन्हें स्थानीय मेडिकल कॉलेज में ही रखकर इलाज शुरू किया गया। यहीं इन्हें रखकर चिकित्सकों ने अपनी देखरेख में इलाज किया और फिर जब जांच हुई तो ये कोरोना जांच में निगेटिव पाए गए।
इस अवसर पर मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक कर्नल अंसारी ने कहा कि यह हमलोगों की पहली बड़ी उपलब्धि है। कोरोना से डरने की जरूरत नही है। धैर्य रखकर कायदे से इलाज होने पर कोरोना को जंग में पराजित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अब ये सात बालक अपने अपने घरों में 14 दिनों के लिए कोरेन्टीन रहेंगे ताकि रोग फैलने की कोई गुंजाइश नही हो।
ज्ञातव्य है कि मधेपुरा जिले के पहले दो महिला मरीज पूर्व में ही ठीक हो चुके हैं। इन सात के भी ठीक हो जाने के बाद अब जिले में शेष ग्यारह कोरोना पीड़ित बचे हैं। इन ग्यारह में सात महाराष्ट्र से आये मदरसा छात्र ही हैं जबकि चार अन्य प्रवासी श्रमिक हैं। इन ग्यारह का भी इलाज यहां मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है।
दरअसल इन छात्रों की कोरोना मुक्ति मधेपुरा स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पहली बड़ी उपलब्धि भी है।
इन छात्रों के बारे में जानकारी दे दूं कि ये अपने अन्य मदरसा छात्रों के साथ गत छह मई को मधेपुरा आये थे। तब कुल 25 छात्रों को प्राथमिक जांच के बाद कोरेन्टीन कर इनकी कोरोना जांच हुई तो सात छात्र कॅरोना पीड़ित पाए गए थे। लिहाजा इन्हें स्थानीय मेडिकल कॉलेज में ही रखकर इलाज शुरू किया गया। यहीं इन्हें रखकर चिकित्सकों ने अपनी देखरेख में इलाज किया और फिर जब जांच हुई तो ये कोरोना जांच में निगेटिव पाए गए।
इस अवसर पर मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक कर्नल अंसारी ने कहा कि यह हमलोगों की पहली बड़ी उपलब्धि है। कोरोना से डरने की जरूरत नही है। धैर्य रखकर कायदे से इलाज होने पर कोरोना को जंग में पराजित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अब ये सात बालक अपने अपने घरों में 14 दिनों के लिए कोरेन्टीन रहेंगे ताकि रोग फैलने की कोई गुंजाइश नही हो।
ज्ञातव्य है कि मधेपुरा जिले के पहले दो महिला मरीज पूर्व में ही ठीक हो चुके हैं। इन सात के भी ठीक हो जाने के बाद अब जिले में शेष ग्यारह कोरोना पीड़ित बचे हैं। इन ग्यारह में सात महाराष्ट्र से आये मदरसा छात्र ही हैं जबकि चार अन्य प्रवासी श्रमिक हैं। इन ग्यारह का भी इलाज यहां मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है।
मधेपुरा के 7 कोरोना पीड़ितों ने दी कोरोना को मात, जंग जीतकर लौटते वक्त ताली बजाकर दी गई विदाई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 21, 2020
Rating:
बहुत बढ़िया मधेपुरा मेडिकल कॉलेज की बहुत बड़ा जंग जीतने की हार्दिक शुभकामनाएं
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