
एक बार फिर सिंहेश्वर एवं जिले वासियों ने अनोखा अवसर देखा जब एक साथ हिंदी, मैथिली, भोजपुरी व नृत्य की महफिल सजी थी.
कार्यक्रम में सबसे पहले स्थानीय कलाकारों ने अपना जलवा बिखेरा जिसमे संजीव कुमार, संतोष कुमार ने गायन किया. आलोक कुमार ने संगत ओम आनंद, अमित आनंद के ग्रुप ने अघोरी नृत्य व आदित्य ग्रुप ने भी नृत्य की प्रस्तुति दी. जबकि कला मंदिर व सृजन मंच के द्वारा भी लोगों को बांधे रखने में कसर नही छोड़ा.

कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय कलाकार संजीव कुमार और संतोष कुमार ने की दोनों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. जिसमे संजीव ने मुरलिया बाजे रे व हम तो है प्रदेश में गाया और फिर संतोष ने गजल आज जो हम कुछ भी है..गा कर जमकर तालिया बटोरी.
फिर पूर्वोत्तर के कलाकारों ने छऊ कला में महिषासुर वध का सचित्र चित्रण किया. छऊ में युद्ध कला का सजीव वर्णन और इसके कलाकार गौर कुमार ने जापान, इंडोनेशिया, थाईलैंड जैसे कई देशों में भारत के इस लोक कला को प्रदर्शित कर चुके हैं. जिसके बाद मिमिक्री स्टार राज सोनी की प्रस्तुति. मगध संगीत संस्थान की प्रस्तुति. जिसके बाद सा रे गा मा पा की मधुरमा बासु कि प्रस्तुति हुई. मुंबई के कलाकार राज सोनी की मिमिक्री से लोग हंसते हंसते लोट पोट हो गए. मगध संगीत संस्थान के द्वारा शिव स्तुति, बिहार गौरव गाथा, झूमर, मुखौटा नृत्य, सोतर व होली जोगीरा की प्रस्तुति ने लोगों को बांधे रखने में कोई कसर नही छोड़ी.

सिंहेश्वर महोत्सव के दूसरे दिन कलाकारों ने बांधा शमां
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 24, 2020
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