मधेपुरा के पुरैनी प्रखंड अन्तर्गत कुरसंडी पंचायत में उच्च विद्यालय की स्थापना को लेकर पंचायत के वासुदेवपुर के ग्रामीण आक्रोशित हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से गलत और नियामवली के विरूद्ध मनमाने तरीके से गलत अनुशंसा कर उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय रौता को उच्च विद्यालय में अनुशंसित करने हेतु विभाग को भेज दिया गया.
वासुदेवपुर के ग्रामीण मंगलवार को विद्यालय पहुँचकर धरना पर बैठ गये और हाईस्कूल की मांग पर अड़ गये. ग्रामीणों का कहना है कि राजकीय मध्य विद्यालय बासुदेवपुर के नाम से 89 डिसमिल एवं 104 डिसमिल बिहार सरकार की जमीन है. जबकि उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय रौता के पास वर्तमान स्कूल में विद्यालय के नाम से 9 डिसमिल जमीन है, और शिक्षा विभाग को जो 23 डिसमिल जमीन की रिपोर्ट दी गई है वह 1 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित है और जो कि अतिक्रमण की हुई है.
मालूम हो कि वासुदेवपुर गांव से वर्तमान उच्च विद्यालय नया टोला 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर है वहीं आलमनगर में मौजूद उच्च विद्यालय गांव से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है जिसकी वजह से छात्राओं को उच्च विद्यालय जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
वहीं इसी दौरान ग्रामीणों के द्वारा पूर्व में मुख्यमंत्री को भेजे गये आवेदन के आलोक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा दिये गये निर्देशानुसार आरडीडीई सहरसा डाक्टर मोहम्मद तजीउद्दीन अहमद और डीईओ मधेपुरा उग्रेश प्रसाद मंडल राजकीय मध्य विद्यालय पहुँचकर स्थल का निरीक्षण कर भवन की संख्या और उपलब्ध जमीन का जायजा लिया. आरडीडीई ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दोनों विद्यालय का स्थल निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
आवेदन के आलोक में मुख्य शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक सहरसा डॉक्टर तजिउद्दीन अहमद ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने मौके पर मौजूद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं विभागीय कनीय अभियंता को लापरवाही के साथ जमीनी स्तर पर जांच किए जाने को लेकर जमकर फटकार सुनाई.
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से गलत और नियामवली के विरूद्ध मनमाने तरीके से गलत अनुशंसा कर उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय रौता को उच्च विद्यालय में अनुशंसित करने हेतु विभाग को भेज दिया गया.
वासुदेवपुर के ग्रामीण मंगलवार को विद्यालय पहुँचकर धरना पर बैठ गये और हाईस्कूल की मांग पर अड़ गये. ग्रामीणों का कहना है कि राजकीय मध्य विद्यालय बासुदेवपुर के नाम से 89 डिसमिल एवं 104 डिसमिल बिहार सरकार की जमीन है. जबकि उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय रौता के पास वर्तमान स्कूल में विद्यालय के नाम से 9 डिसमिल जमीन है, और शिक्षा विभाग को जो 23 डिसमिल जमीन की रिपोर्ट दी गई है वह 1 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित है और जो कि अतिक्रमण की हुई है.
मालूम हो कि वासुदेवपुर गांव से वर्तमान उच्च विद्यालय नया टोला 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर है वहीं आलमनगर में मौजूद उच्च विद्यालय गांव से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है जिसकी वजह से छात्राओं को उच्च विद्यालय जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
वहीं इसी दौरान ग्रामीणों के द्वारा पूर्व में मुख्यमंत्री को भेजे गये आवेदन के आलोक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा दिये गये निर्देशानुसार आरडीडीई सहरसा डाक्टर मोहम्मद तजीउद्दीन अहमद और डीईओ मधेपुरा उग्रेश प्रसाद मंडल राजकीय मध्य विद्यालय पहुँचकर स्थल का निरीक्षण कर भवन की संख्या और उपलब्ध जमीन का जायजा लिया. आरडीडीई ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दोनों विद्यालय का स्थल निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
आवेदन के आलोक में मुख्य शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक सहरसा डॉक्टर तजिउद्दीन अहमद ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने मौके पर मौजूद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं विभागीय कनीय अभियंता को लापरवाही के साथ जमीनी स्तर पर जांच किए जाने को लेकर जमकर फटकार सुनाई.
हाईस्कूल की मांग पर अड़े ग्रामीणों की सुधी लेने विद्यालय पहुंचे आरडीडीई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 10, 2019
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