चल रही है हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई: मधेपुरा टाइम्स का कैमरा खुलते भी भागे काटने वाले

एक तरफ सूबे के मुखिया जल जीवन हरियाली की बात करते हैं तो दूसरी तरफ स्टेट हाईवे 91 के किनारे काटे जा रहे हैं हरे भरे पेड़. अहले सुबह कुहासे के बीच और देर रात होती है पेड़ों की कटाई. ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे बिना अनुज्ञप्ति धारी मिलें जिन पर होती है नहरों एवं सड़कों किनारे अवैध रूप से काटे गए लकड़ियों की खरीद फरोख्त.


एक तरफ मुख्यमंत्री कहते हैं कि पर्यावरण बचाने के लिए जल-हरियाली जरूरी है, तभी जीवन है. जल संरक्षण के लिए नदियों में चेक डैम बनायेंगे. जलवायु परिवर्तन से नुकसान हो रहा है उसे कम करने के लिए पौधे लगाने की नसीहत देते हैं. जल जीवन हरियाली पर उन्होंने संदेश दिया बिहार में मॉनसून 15 जून से होती थी. अब बिहार में मॉनसून आने का कोई तय समय नहीं है. बिहार में हरित आवरण पहले नौ फीसदी थी. हमने बिहार में 19 करोड़ पौधे लगाये. अगले तीन सालों में आठ करोड़ पौधे लगाये जायेंगे.
वहीं दूसरी ओर मुरलीगंज बिहारीगंज की ओर जाने वाली स्टेट हाईवे के किनारे इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप से चंद मीटर दूर आज अहले सुबह को ग्रामीणों द्वारा हरे भरे पेड़ की कटाई करते दिखे. अहले सुबह कुहासे के बीच पेड़ की कटाई की जा रही थी.  पूछने पर पेड़ की कटाई किस की अनुमति से हो रही है और जब फोटो लेने के लिए जैसे ही मधेपुरा टाइम्स का कैमरा खोला गया तो सारे लोग भागने लगे. स्टेट हाईवे के किनारे शाम ढलते ही और अहले सुबह पेड़ों की कटाई अनवरत जारी है. 

नहरों व स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे अवैध पर अवैध ढंग से पेड़ों की कटाई की जा रही है. सूत्रों की मानें तो इन पेड़ों को वे थोड़ा-थोड़ा कर किश्तों में काटते हैं. जिससे पेड़ तो खड़े रहते हैं, लेकिन धीरे-धीरे सूखते जाते हैं. अंत में जब थोड़ा भाग बच जाता है, तो रात्रि में काटकर गिरा देते हैं और गायब कर देते हैं. सिगयांन जेबीसी नहर पर पिछले वर्ष पेड़ों की माफियाओं द्वारा अवैध कटाई जमकर की गई थी और स्थानीय ग्रामीण इलाकों में चल रहे बिना अनुमति के आरा मिलों में होती है लकड़ी की कटाई. मुरलीगंज प्रखंड के अंतर्गत बिना अनुमति के कई लकड़ी मिल चल रहे हैं फॉरेस्टर शंकर मिश्रा द्वारा बताया गया कि मात्र 5 अनुज्ञप्ति धारी है, अवैध की विस्तृत जानकारी नहीं है.

बरसाती मौसम में जिले भर में हर वर्ष करोड़ों रुपये की लागत से पौधरोपण किया जाता है. वन जंगल, सड़क, हाईवे और स्कूल कॉलेज कई क्षेत्रों में पौधरोपण किया जाता है. नेतागण, प्रशासनिक अफसर और वन विभाग के अधिकारी पौधरोपण के दौरान फोटो खिंचवाने तक सीमित रहते हैं, लेकिन इन पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी के नाम पर वन विभाग के अधिकारी आंखें बंद कर बैठक जाते हैं. सभी पेड़ देखरेख के अभाव में सूख जाते हैं. जबकि पौधों की देखरेख के लिए भी लाखों का बजट वन विभाग को मिलता है. 

आज मामले में जब वन विभाग के फॉरेस्ट शंकर मिश्रा से इस मामले में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारी द्वारा पेड़ काटने वाले व्यक्तियों की पहचान करवाई जा रही है एवं उनके खिलाफ वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.

चल रही है हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई: मधेपुरा टाइम्स का कैमरा खुलते भी भागे काटने वाले चल रही है हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई: मधेपुरा टाइम्स का कैमरा खुलते भी भागे काटने वाले Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 24, 2019 Rating: 5

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