मधेपुरा जिले के एक बार फिर स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो गई है. अपनी 12 सूत्री मांग को लेकर आशा कर्मियों ने आज 1 दिसंबर से अनिश्चितकालिन हड़ताल प्रारंभ कर दिया है।
अनिश्चितकालिन हड़ताल को लेकर शनिवार के दिन मधेपुरा सदर अस्पताल सहित सभी प्रखंडों में आशा द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों का घेराव किया गया।
अस्पताल परिसर में 12 सूत्री मांगों को लेकर आक्रोशित आशा कर्मियों की भीड़ दिखी। वहीं आशा कर्मियों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस बाबत जिला मंत्री रेनु कुमारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आशा को ठगने का कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि को दोगुणा करने की घोषणा के बाद भी आज तक हमें इसका लाभ नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि आशा द्वारा हर घर जाकर जागरूकता के साथ कार्य किया जाता है, लेकिन आशा को कार्य के बदले मजदूर के बराबर भी राशि नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि जब तक आशा को सरकारी सेवक व 18 हजार रूपए नहीं दिया जाता है, तब तक अनिश्चितकालिन हड़ताल जारी रहेगा। मौके पर जिला मंत्री रेनु कुमारी, शशिप्रभा, अरूणा देवी, बेबी देवी, मनोरमा देवी, किरण देवी, सावित्री देवी, रंभा देवी, पुनम देवी, नीतु देवी, रिंकु देवी, रीता देवी, अनिता देवी, आशा देवी, दीपिका सिंह, रंजना देवी, मीरा देवी, बबीता देवी, मीना देवी, विनिता देवी व अन्य आशा मौजूद थी.
मौके पर आशा की सदर प्रखंड अध्यक्ष दीपिका सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आशा के लिए 18 हजार मानदेय के साथ नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए नर्सिंग स्कूलों में 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं का प्रोत्साहन राशि का भुगतान ससमय किया जाए। उन्होंने कहा कि आशा व फैसिलेटर को समाजिक सुरक्षा दी जाए। वहीं आशा को बीपीएल सूची में शामिल कर सभी सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार को अब सहन नहीं किया जाएगा। जब तक मांग पूरी नहीं की जाती आंदोलन जारी रहेगा।
जिलेभर में करीब 2100 आशा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कई स्वास्थ्य कार्य प्रभावित हो रहा है। आशा द्वारा किए जाने वाला टीकाकरण, प्रसव, परिवार नियोजन व अन्य कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है।

अनिश्चितकालिन हड़ताल को लेकर शनिवार के दिन मधेपुरा सदर अस्पताल सहित सभी प्रखंडों में आशा द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों का घेराव किया गया।

मौके पर आशा की सदर प्रखंड अध्यक्ष दीपिका सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आशा के लिए 18 हजार मानदेय के साथ नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए नर्सिंग स्कूलों में 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं का प्रोत्साहन राशि का भुगतान ससमय किया जाए। उन्होंने कहा कि आशा व फैसिलेटर को समाजिक सुरक्षा दी जाए। वहीं आशा को बीपीएल सूची में शामिल कर सभी सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार को अब सहन नहीं किया जाएगा। जब तक मांग पूरी नहीं की जाती आंदोलन जारी रहेगा।
जिलेभर में करीब 2100 आशा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कई स्वास्थ्य कार्य प्रभावित हो रहा है। आशा द्वारा किए जाने वाला टीकाकरण, प्रसव, परिवार नियोजन व अन्य कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है।

स्वास्थ्य सेवा प्रभावित: 12 सूत्री मांग को लेकर आशा कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 01, 2018
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