लोग कहते हैं कि मानवता अभी जिंदा है. यह सुनने में आपको कुछ हद तक आशावादी बातें लगती है, लेकिन यह बात सत्य है कि आज के बदलते जमाने के परिवेश में मानवता शर्मसार हो रही है पर मानवता को बचाने के लिए अनपढ़ भी सामने आ रहे हैं.
ऐसा ही कुछ मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के रामपुर पंचायत में हुआ है किसी अज्ञात व्यक्ति ने मानवता को शर्मसार कर 6 माह की बेटी को बलुआहा नदी किनारे झाड़ में फेंक दिया. जानकारी के अनुसार बीते रविवार को अहले सुबह शौच के लिए बाहर जाने के क्रम में स्थानीय गजेंद्र पासवान ने बच्ची देखा तो उन्होंने उसे उठाकर लाया और चौक पर एक दुकानदार के पास रखा ।
वहीँ मानवता का परिचय देते हुए रामपुर वार्ड नंबर है 1 टपड़ा टोला निवासी पुषो ऋषिदेव की पुत्रवधु रंजन देवी ने फेंकी हुई बच्ची को अपनाया ।
इस बात की खबर गांव में फ़ैलने के बाद लोगो की भीड़ जमा हुई. तभी पुषो ऋषिदेव की बहू रंजन देवी ने आगे बढ़कर बच्ची का पालन पोषण करने का निर्णय लिया और बच्ची को अपने घर ले गयी । बताया जाता है कि रंजन देवी को पहले से दो पुत्र और एक पुत्री भी है। रंजन देवी एवं उनके परिजनों ने कहा कि बेटी तो लक्ष्मी का रूप होती है ।

ऐसा ही कुछ मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के रामपुर पंचायत में हुआ है किसी अज्ञात व्यक्ति ने मानवता को शर्मसार कर 6 माह की बेटी को बलुआहा नदी किनारे झाड़ में फेंक दिया. जानकारी के अनुसार बीते रविवार को अहले सुबह शौच के लिए बाहर जाने के क्रम में स्थानीय गजेंद्र पासवान ने बच्ची देखा तो उन्होंने उसे उठाकर लाया और चौक पर एक दुकानदार के पास रखा ।
वहीँ मानवता का परिचय देते हुए रामपुर वार्ड नंबर है 1 टपड़ा टोला निवासी पुषो ऋषिदेव की पुत्रवधु रंजन देवी ने फेंकी हुई बच्ची को अपनाया ।
इस बात की खबर गांव में फ़ैलने के बाद लोगो की भीड़ जमा हुई. तभी पुषो ऋषिदेव की बहू रंजन देवी ने आगे बढ़कर बच्ची का पालन पोषण करने का निर्णय लिया और बच्ची को अपने घर ले गयी । बताया जाता है कि रंजन देवी को पहले से दो पुत्र और एक पुत्री भी है। रंजन देवी एवं उनके परिजनों ने कहा कि बेटी तो लक्ष्मी का रूप होती है ।

मानवता हुई शर्मसार: 6 माह की बच्ची को नदी किनारे झाड़ में अपनों ने फेंका, बेगाने ने अपनाया
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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September 13, 2018
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September 13, 2018
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