'फेसबुक के लाइक और कमेंट को अपनी दुनियाँ मान चुकी है युवा पीढ़ी': निबंध प्रतियोगिता में प्रिया चौधरी को प्रथम स्थान

'बुजुर्गो की उंगलियों में
कोई ताकत न थी मगर,
जब भी मेरा सर झुका,
तो सर पर रखे कांपते हाथों ने
ज़माने भर की दौलत दे दी.'


सोशल मीडिया के संक्रमण के दौर मे जहाँ बुजुर्गो का सम्मान कम हुआ है वहीँ कुछ ऐसे भी हैं जो भगवान के तरह अपने बुजुर्गो, शिक्षकों की इज्जत करते हैं. इसी सामाजिक चिंतनीय मुद्दे पर समिधा ग्रुप और मधेपुरा टाइम्स के द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर विषय “बुजुर्गों की बढ़ती उपेक्षा के दौर में नई पीढ़ी का दायित्व” पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. 

निबंध प्रतियोगिता मे दो सीटिंग मे कुल 112 युवाओं ने हिस्सा लिया था. दर्जनों छात्रों के लिखने के शैली को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि मधेपुरा की मिट्टी में ही जैसे साहित्य घुला हुआ हो. कई आधार पर लगातार कई दिनों के निष्कर्ष के बाद तीन सर्वोतम लेख को प्रथम, द्वितीय और  तृतीय स्थान प्रदान किया गया. जाँच करते वक़्त दिए गए विषय पर केन्द्रित लेख, शब्दों की शुद्धता, आदि को नंबर देने का आधार रखा गया.

इस प्रतियोगिता में कुल 20 मे से 18 अंक लाकर पहले स्थान पर रही प्रिया चौधरी, पिता- सुनील कुमार चौधरी, 17 अंक लाकर द्वितीय स्थान पर रहे धीरज कुमार, पिता-सूर्यनारायण यादव, 16 अंक लाकर तृतीय स्थान पर रही श्रुति कुमारी, पिता- मनोज कुमार.


अपने विस्तृत आलेख में प्रतियोगिता की टॉपर प्रिया लिखती है कि इन्टरनेट तो लोगों को आपस में जोड़ने के लिए लाया गया था. हम जिससे बहुत दूर है उन्हें नजदीक लाने के लिए इस्तेमाल किया जाना था,परन्तु इसके विपरीत हम अपने घर परिवार के लोगो से ही दूर होते चले जा रहे है. सब एक साथ होते हुए भी अपने –अपने स्मार्ट फोन में व्यस्त रहते हैं.  वे फेसबुक के लाइक और कमेंट के अपनी दुनिया मान चुकी है. वे सोचते है की बुजुर्ग उनके लिए कोई मायने नहीं रखते है परन्तु उन्हें ये नहीं पता कि जो बातें हमें हमारे बुजुर्ग से सीखने को मिल सकती है, वो हमें गूगल पर भी नहीं मिलेगी. (टॉपर्स के पूर्ण निबंध हम आलेख के रूप जल्द ही मधेपुरा टाइम्स पर प्रकाशित करने जा रहे हैं.)


जानकारी दी गई कि आगामी दो अक्टूबर गाँधी दिवस के अवसर पर तीनों सफल छात्रों को नगद पुरुस्कार सहित 5 अन्य छात्रों को प्राप्त अंक के आधार पर सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया जायेगा. 
'फेसबुक के लाइक और कमेंट को अपनी दुनियाँ मान चुकी है युवा पीढ़ी': निबंध प्रतियोगिता में प्रिया चौधरी को प्रथम स्थान 'फेसबुक के लाइक और कमेंट को अपनी दुनियाँ मान चुकी है युवा पीढ़ी': निबंध प्रतियोगिता में प्रिया चौधरी को प्रथम स्थान Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 30, 2018 Rating: 5

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