
लेकिन इस अभियान को हरिजन प्राथमिक विद्यालय हरिनगर में शिक्षा विभाग खुद ही फेल करता नजर आता है.
गुरुवार को जब मधेपुरा टाइम्स टीम ने जायजा लिया तो करीब 12:00 बज रहे थे. स्कूल में एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं थे. कुछ खेल रहे बच्चों से पूछने पर बताया कि सर जी अभी तक नहीं आए हैं अब आते होंगे. वहीं दो रसोईया में एक रसोईया रानी देवी मौजूद थी. रानी देवी ने बताया कि यहां 2 शिक्षक ही आते हैं.
हरिजन प्राथमिक विद्यालय हरि नगर में वैसे तो बच्चों की संख्या काफी कम रहती है. लेकिन जो बच्चे शिक्षा का उद्देश्य लेकर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए पहुंचते हैं तो वो शिक्षा लेने की बजाय खेलते नजर आए.
सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान, एमडीएम, किताब और ड्रेस व पानी की तरह पैसा बहा रही है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है. वहीं 12 बजे एक शिक्षिका लीला देवी पहुँची. जब लीला देवी को देर से आने का कारण पूछा तो उन्होंने झूठा बहाना बनाते हुए कहा कि हम तो इसी समय पर आते हैं, तबीयत खराब है. बातें बनाकर अपने आप को बचाने का भरपूर प्रयास किया.
इस पूरे मामले में सबसे शर्मनाक बात यह है कि विद्यालय में होने वाली प्रार्थना सभा, जिसमें सभी शिक्षकों को उपस्थित होना चाहिए उसमें एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं था. इसकी जानकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उमेश तिवारी को दिया गया तो उन्होंने बताया कि ऐसी लापरवाही बरतने वाले शिक्षक के ऊपर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बदहाल शिक्षा व्यवस्था: स्कूल में पढ़ाई की जगह खेल रहे हैं बच्चे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 09, 2018
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