मधेपुरा जिले के एक थानाध्यक्ष से सरकारी पिस्टल लूटने वाले एक बदमाश को सहरसा पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया है. यह शातिर बदमाश पांच साल से नाम बदल कर सहरसा में रह रहा था.
मालूम हो कि 2013 में मिठाई पुलिस शिविर प्रभारी महेश यादव ने पूर्णिया से आते हुए एक चार चक्का गाड़ी पर सवार चार युवक जो पूरी तरह नशे मे धुत्त थे, को मिठाई में प्रभारी ने रूकवाया और पूछ-ताछ कर ही रहे थे कि चारों युवक ने प्रभारी पर हमला कर दिया और दरोगा की सरकारी पिस्टल छीन कर फरार हो गए.
मामला दर्ज कर मामले की जांच में चार युवकों की पहचान हुई जिसमें रितू राज, विशाल सिंह, मनोज कुमार यादव, रोहित उर्फ हनी चौधरी की पहचान हुई. जिसमें रितू राज, विशाल सिंह, मनोज कुमार यादव को बारी-बारी से गिरफ्तार कर लिया गया, साथ ही सहरसा पुलिस की मदद से पिस्टल को सहरसा से बरामद कर लिया गया था. लेकिन चौथा बदमाश फरार था. गौरतलब है कि इस मामले में प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया था.
पांच साल बाद सदर थानाध्यक्ष को शनिवार को गुप्त सूचना मिली कि हनी चौधरी नाम बदल कर सहरसा के नया बाजार में लम्बे समय से रह रहा है. थानाध्यक्ष ने इस की तत्काल सूचना एसपी संजय कुमार को दी, एसपी ने तत्काल एक टीम का गठन किया, जिसका नेतृत्व सदर थानाध्यक्ष को दिया गया.
शनिवार की रात टीम ने सहरसा पुलिस के सहयोग से नया बाजार स्थित उक्त अपराधी के ठिकाने की घेरा-बंदी कर के उसे गिरफ्तार कर लिया. वहीं थानाध्यक्ष ने बताया कि हनी चौधरी पुलिस को लम्बे समय से चकमा देकर साथ ही अपना नाम बदल कर सहरसा में रह रहा था. उन्होंने बताया कि हनी चौधरी की गिरफ्तारी पुलिस की बड़ी सफलता है.

मालूम हो कि 2013 में मिठाई पुलिस शिविर प्रभारी महेश यादव ने पूर्णिया से आते हुए एक चार चक्का गाड़ी पर सवार चार युवक जो पूरी तरह नशे मे धुत्त थे, को मिठाई में प्रभारी ने रूकवाया और पूछ-ताछ कर ही रहे थे कि चारों युवक ने प्रभारी पर हमला कर दिया और दरोगा की सरकारी पिस्टल छीन कर फरार हो गए.
मामला दर्ज कर मामले की जांच में चार युवकों की पहचान हुई जिसमें रितू राज, विशाल सिंह, मनोज कुमार यादव, रोहित उर्फ हनी चौधरी की पहचान हुई. जिसमें रितू राज, विशाल सिंह, मनोज कुमार यादव को बारी-बारी से गिरफ्तार कर लिया गया, साथ ही सहरसा पुलिस की मदद से पिस्टल को सहरसा से बरामद कर लिया गया था. लेकिन चौथा बदमाश फरार था. गौरतलब है कि इस मामले में प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया था.
पांच साल बाद सदर थानाध्यक्ष को शनिवार को गुप्त सूचना मिली कि हनी चौधरी नाम बदल कर सहरसा के नया बाजार में लम्बे समय से रह रहा है. थानाध्यक्ष ने इस की तत्काल सूचना एसपी संजय कुमार को दी, एसपी ने तत्काल एक टीम का गठन किया, जिसका नेतृत्व सदर थानाध्यक्ष को दिया गया.
शनिवार की रात टीम ने सहरसा पुलिस के सहयोग से नया बाजार स्थित उक्त अपराधी के ठिकाने की घेरा-बंदी कर के उसे गिरफ्तार कर लिया. वहीं थानाध्यक्ष ने बताया कि हनी चौधरी पुलिस को लम्बे समय से चकमा देकर साथ ही अपना नाम बदल कर सहरसा में रह रहा था. उन्होंने बताया कि हनी चौधरी की गिरफ्तारी पुलिस की बड़ी सफलता है.

पांच वर्षों बाद पुलिस का पिस्टल लुटेरा चढ़ा पुलिस के हत्थे, नाम बदल कर रह रहा था सहरसा में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 15, 2018
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