सहरसा जिले के एक जिला पार्षद रजनी वाला ने मंडल कारा सहरसा में कैद अपने पति के साथ हो रही प्रताड़ना के मामले में सहरसा के न्यायालय में सनहा दर्ज कराया है और न्याय की गुहार लगाईं है.
हक़ का सवाल उठाने पर किया जा रहा है प्रताड़ित
अनुमंडल दंडाधिकारी सहरसा के न्यायालय में दाखिल सनहा में सोनवर्षा की जिला पार्षद रजनी वाला ने कहा है कि उनके पति पूर्व मुखिया अनिल कुमार यादव सहरसा जिले के सलखुआ थाना के रसलपुर निवासी हैं और वर्तमान में पिछले साढ़े दस सालों से सजायाफ्ता कैदी के रूप में सहरसा कारा में बंद हैं. उनके पति द्वारा अपने हक़ के सवाल पर जैसे घटिया खाना, राशन में कटौती आदि का विरोध, कैदियों को मिलने वाली पारिश्रमिक राशि और अन्य सुविधा जैसे वस्त्र, थाली, ग्लास, कंबल, चादर, साबुन आदि मांगने पर साजिश पूर्ण तरीके से उनका केन्द्रीय कारा पूर्णिया तबादला कर दिया गया और वहां बिना वजह चार महीने सेल में रखकर कर प्रताड़ित किया गया.
आरोप है कि उनके जाने के बाद उनके सामानों को यहाँ कक्षपाल के द्वारा लुटवा दिया गया और सामूहिक होली जलवा दी. सामान वापस मांगने पर उन्हें प्रत्यक्ष रूप से धमकी दी गई और अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया.
'दी जाती है अहित करने की धमकियां'
जिला पार्षद रजनी वाला ने कहा कि जब इसकी शिकायत न्यायालय के समक्ष तथा जिला परिषद् की बैठक में भी की गई और मामले की जांच सहरसा सदर एसडीओ के द्वारा की जाने के बाद भी जब कुछ नहीं नहीं हुआ तो इन दिनों जेल अधीक्षक का मनोबल सातवें आसमान पर है. वे मेरे पति को निशाने पर रखकर जेल में सड़ा देने, पगली घंटी बजा कर मारपीट कर अपंग कर देने और विशेष केंद्रीय कार्यालय कारा भागलपुर भेजकर सूरज नहीं देखने देने की धमकी देते रहते हैं. ऐसे मुझे डर बना रहता है कि जेल अधीक्षक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत मेरे पति को कभी भी कोई गंभीर मानसिक और शारीरिक क्षति पहुंचा सकते हैं.
'जिम्मेवार होंगे वर्तमान जेल अधीक्षक'
जिला पार्षद ने कहा है कि उनके पति के साथ कुछ यदि अप्रत्याशित और नुकसानदेह होता है तो इसके जिम्मेवार सहरसा मंडल कारा के वर्तमान जेल अधीक्षक होंगे. जिला पार्षद ने सरकार और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाईं है. (नि. सं.)
हक़ का सवाल उठाने पर किया जा रहा है प्रताड़ित
अनुमंडल दंडाधिकारी सहरसा के न्यायालय में दाखिल सनहा में सोनवर्षा की जिला पार्षद रजनी वाला ने कहा है कि उनके पति पूर्व मुखिया अनिल कुमार यादव सहरसा जिले के सलखुआ थाना के रसलपुर निवासी हैं और वर्तमान में पिछले साढ़े दस सालों से सजायाफ्ता कैदी के रूप में सहरसा कारा में बंद हैं. उनके पति द्वारा अपने हक़ के सवाल पर जैसे घटिया खाना, राशन में कटौती आदि का विरोध, कैदियों को मिलने वाली पारिश्रमिक राशि और अन्य सुविधा जैसे वस्त्र, थाली, ग्लास, कंबल, चादर, साबुन आदि मांगने पर साजिश पूर्ण तरीके से उनका केन्द्रीय कारा पूर्णिया तबादला कर दिया गया और वहां बिना वजह चार महीने सेल में रखकर कर प्रताड़ित किया गया.
आरोप है कि उनके जाने के बाद उनके सामानों को यहाँ कक्षपाल के द्वारा लुटवा दिया गया और सामूहिक होली जलवा दी. सामान वापस मांगने पर उन्हें प्रत्यक्ष रूप से धमकी दी गई और अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया.
'दी जाती है अहित करने की धमकियां'
जिला पार्षद रजनी वाला ने कहा कि जब इसकी शिकायत न्यायालय के समक्ष तथा जिला परिषद् की बैठक में भी की गई और मामले की जांच सहरसा सदर एसडीओ के द्वारा की जाने के बाद भी जब कुछ नहीं नहीं हुआ तो इन दिनों जेल अधीक्षक का मनोबल सातवें आसमान पर है. वे मेरे पति को निशाने पर रखकर जेल में सड़ा देने, पगली घंटी बजा कर मारपीट कर अपंग कर देने और विशेष केंद्रीय कार्यालय कारा भागलपुर भेजकर सूरज नहीं देखने देने की धमकी देते रहते हैं. ऐसे मुझे डर बना रहता है कि जेल अधीक्षक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत मेरे पति को कभी भी कोई गंभीर मानसिक और शारीरिक क्षति पहुंचा सकते हैं.
'जिम्मेवार होंगे वर्तमान जेल अधीक्षक'
जिला पार्षद ने कहा है कि उनके पति के साथ कुछ यदि अप्रत्याशित और नुकसानदेह होता है तो इसके जिम्मेवार सहरसा मंडल कारा के वर्तमान जेल अधीक्षक होंगे. जिला पार्षद ने सरकार और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाईं है. (नि. सं.)
महिला जिला पार्षद ने सहरसा जेल अधीक्षक पर लगाए गंभीर आरोप, कहा जेल में बंद उनके पति को है खतरा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 24, 2018
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