
मधेपुरा जिले के पुरैनी मुख्यालय बाजार में कि पछले छः माह से आकर्षक और बड़ी-बड़ी
डिग्री लिखी नीतु सेवा सदन के नाम से चल रहे एक निजी क्लिनिक में जहां अबतक सैकड़ों
ऑपरेशन होने की बात कही जा रही है. पर अब जहां
ग्रामीणों नें सिविल सर्जन से इसे फर्जी क्लिनिक कहकर जांच की मांग की थी वहीं
प्रखंड के गणेशपुर पंचायत के डुमरैल गांव के मनोज राम नें थाना एवं पीएचसी प्रभारी
को लिखित आवेदन देकर कारवाई की मांग की है।
क्या है मामला: पुरैनी मुख्यालय के बस स्टैण्ड स्थित चितरंजन भवन स्टेट बैंक
परिसर में चल रहे नीतु सेवा सदन जिसमें दो चिकित्सक डॉ. कुमारी नीतु मिश्रा जिसकी
योग्यता बीएएमएस कोलकाता स्त्री रोग विषेषज्ञ एवं डॉ. प्रियांषु माला जिसकी
योग्यता एमबीबीएस (एमडी) लिखा हुआ है. यहाँ आकर्षक बोर्ड और बीमारीयों के इलाज के
दावे के प्रलोभन एवं आशा कार्यकर्ताओं के आश्वासन में फंसकर लोग शारीरिक और आर्थिक
रूप से बर्बाद हो रहे है।
गणेशपुर पंचायत के डुमरैल निवासी मनोज राम नें पुरैनी थाना एवं पीएचसी पुरैनी
में आवेदन देकर उक्त महिला चिकित्सक पर आरोप लगाया है कि उसकी पल्नी किरण देवी
उम्र करीब 32
वर्ष जो कि पूर्णतः स्वस्थ रूप् से गर्भवती अवस्था में थी जब गर्भावस्था का समय
पूर्ण हुआ तो गांव की आषा कार्यकर्ता सुनीता देवी के कहने पर डॉ. नीतु मिश्रा के
क्लिनिक पर गये जहां डॉक्टर ने बताया कि जच्चा व बच्चा दोनों के जान को खतरा है,
अविलंब इसका आपरेशन करवाना पड़ेगा तब मैंने कहा की ठीक है पीएचसी में ही आपरेशन
करवा लेंगे. लेकिन आशा कार्यकर्ता का यह कहना कि सरकारी अस्पताल में इलाज सही नहीं
होगा तो घबराकर मनोज राम अपनी पत्नी का आपरेशन नीतु सेवा सदन में डॉ. नीतु मिश्रा
से करवा लिया। आपरेशन के बाद जब स्थिति गंभीर हो गयी तो डॉ. नीतु मिश्रा ने
पुर्णिया दिखाने को कहा. जब पुर्णिया में चिकित्सक ने गंभीर स्थिति बताया तो पत्नी
किरण देवी को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय मायागंज भागलपुर ले गया. जहां
जांच के बाद डॉक्टर ने बताया की पेट के अंदर कुछ भाग में कैंची से क्षति हुई है
जिससे मनोज राम की पत्नी मरनासन्न अवस्था में आ चुकी है। जब पुनः पीड़ीता के पति ने
यहाँ डाक्टर से सम्पर्क किया तो डॉक्टर ने उसे डांट-फटकार कर भगा दिया ।
दूसरी तरफ बीते एक सप्ताह पूर्व पुरैनी मुख्यालय के दर्जनों लोगों नें
हस्ताक्षरयुक्त आवेदन देकर सिविल सर्जन से उक्त क्लिनिक व डॉक्टर की योग्यता की
जांच की मांग की थी। ग्रामीणों द्वारा सिविल सर्जन को दिये गये आवेदन में जिक्र है
की उक्त फर्जी क्लिनिक में जहां गर्भपात जैसे जघन्य अपराध को गुपचुप तरीके से
अंजाम दिया ही जाता है साथ ही घड़ल्ले से सुविधाविहीन अपने क्लिनिक में बेरोकटोक
महिला व पुरूषों का विभिन्न तरीके का आपरेशन कर गरीब व आमजनों का शोषण किया जा रहा
है। वहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है की पुरैनी पीएचसी में कार्यरत कुछ आशा
कार्यकर्ता कमीशनखोरी पर उक्त क्लिनिक के संचालक से सांठ-गांठ कर गर्भवती महिलाओं
को यहां लाकर मोटी रकम की कमाई की जाती है। ग्रामीणों ने क्लिनिक की जांचकर दोषी
पाए जाने पर उचित कानूनी कारवाई की मांग भी की थी।
उधर आरोप के बावत क्लिनिक पर अपना पक्ष रखने के लिए कोई उपस्थित नहीं थे.
क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी - वहीं इस बाबत पुरैनी पीएचसी
प्रभारी डॉ. विनीत भारती से पुछे जाने पर उन्होने बताया कि पीडिता के पति के
द्वारा दिया गया आवेदन मिला है. मामले की अविलंब जांचकर आवश्यक कारवाई की जाएगी।
बहरहाल जो भी हो, मामला गंभीर है स्वास्थ्य विभाग को अविलंब ऐसे चिकित्सक व क्लिनिक
की जांच करनी चाहिए।
फर्जी डॉक्टर !: आकर्षक बोर्ड और लिखे बड़ी-बड़ी डिग्री के झांसे में फंस जाते मरीज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 25, 2017
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