
बाढ़ पीड़ित परिवार को 6000 रुपये मुफ्त सहाय राशि एवं विभिन्न प्रकार के मुआवजा का
भुगतान
शीघ्र करने, कृषि ऋण माफ करने, भूमिहीनों
को जमीन पर कब्जा देने एवं परचाधारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने आदि 15 सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय पर भाकपा कार्यकर्ताओं ने धरना दिया था. भाकपा
कार्यकर्ताओं एवं बाढ़ पीड़ितों ने मधेपुरा रेलवे स्टेशन से लाठी वाला तीर धनुष,
कचिया, हथौड़ा एवं ढ़ोल नगाड़े से लैस होकर लाल
झंडा, पोस्टर एवं बैनर से सुरजीत केंद्र एवं राज्य सरकार के
खिलाफ नारे लगाते हुए निकले जो शहर के विभिन्न चौराहे से गुजरते समाहरणालय के
मुख्य द्वार के सामने NH 131 पर आंदोलनकारी सत्याग्रह पर बैठ
गये एवं यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया.

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाकपा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश गंभीर परिस्थितियों से गुजर
रहा है. प्रतिवर्ष 12000 किसान आत्महत्या कर रहे हैं. दस लाख बच्चे कुपोषण के शिकार होकर दम तोड़
देते हैं, 30 करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं. 20 करोड़ लोग खुले आकाश के नीचे रहने को मजबूर हैं. बढ़ती महंगाई से लोगों का
जीना दुर्लभ हो गया है. उन्होंने कहा कि अच्छे दिन गरीबों को नहीं कार्यकर्ताओं के
आये हैं. 15 -15 लाख गरीबों के खाते में तो नहीं गए परंतु
तेरह सौ करोड़ सृजन के खाते में जरुर चले
गए. भाकपा नेता ने कहा कि पीएम मोदी के सभी वादे झलावा साबित हुआ है. नोटबंदी एवं
जीएसटी धोखा है. इस से देश में आर्थिक संकट पैदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि आज
गाय के नाम पर इंसान की हत्या हो रही है. देश में अल्पसंख्यक और दलित डरे और सहमे
हुए हैं. अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाई जा रही है.
इस मौके पर भाकपा राज पार्षद निखिल कुमार झा, भाकपा के सहायक जिला मंत्री उमेश यादव,
विजेंद्र नारायण सिंह, सचिव रमन कुमार,
कामेश्वर यादव, सरयू यादव, ललन कुमार मंडल, रामदेव सिंह, वीरेंद्र
मेहता, मोती सिंह, मनोज राम, शंभू क्रांति, महेंद्र ठाकुर, चंद्रमंडल
गणेश सिंह, पुनासा प्रमोद कुमार सिंह, दिगंबर
झा, चंदे मंडल, मोती सिंह, मनोज राम आदि लोग मौजूद थे.
बढ़ती महंगाई गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों पर भाकपा का धरना प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 05, 2017
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