अपर सचिव, शिक्षा
विभाग,
बिहार सरकार, पटना के पत्रांक : 15/ एम 1-20/ 2017 (अंश 1)-1730, दिनांक 20. 09. 2017 में सभी विश्वविद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि
जिन प्रधानाचार्यों की उम्र 18 मई 2017 के पूर्व 62 वर्ष या उससे अधिक हो गयी है,
वे तत्काल प्रभाव से सेवा निवृत माने जाएंगे।
इस पत्र के आलोक में बी.एन. मंडल
विश्वविद्यालय, मधेपुरा
अंतर्गत तीन कालेजों के प्रधानाचार्यों के तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त होने की
चर्चा है।
दरअसल कालेज प्राध्यापक की सेवा
निवृत्ति 65 वर्ष
में होती है और इसे शैक्षणिक पद माना गया है । लेकिन प्रधानाचार्य का पद गैर
शैक्षणिक मानकर सेवा निवृत्ति की उम्र 62 वर्ष ही निर्धारित थी ।इस बावत जब प्रधानाचार्य संघ द्वारा
सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया तो सरकार ने इस पद कॊ शैक्षणिक मानते हुए सेवा
निवृत्ति की उम्र कॊ बढ़ाते हुए 65 वर्ष कर दिया ।
लेकिन जब इस बावत सरकार से स्पष्टीकरण माँगी गयी तो बताया गया कि यह संशोधन भूतलक्षी प्रभाव से लागू नही है । इसका
अर्थ यह हुआ कि जिस दिन यह संशोधन हुआ यानि 18 मई 2017 के बाद उम्र सीमा बढ़ी और इससे पूर्व जिस प्रधानाचार्य की उम्र 18
मई 2017 से पूर्व 62 वर्ष हो गयी वे सेवा निवृत हो जायेंगे । लिहाजा मंडल वि. वि.
के तीन प्रधानाचार्य पर सेवा निवृत्ति की गाज गिरना तय माना जा रहा है । सूत्रों
के अनुसार इनमें से एक सहरसा और दो पूर्णिया जिले के अँगीभूत कालेजों के
प्रधानाचार्य हैं ।
नियम का खेल: ये प्रधानाचार्य होंगे तत्काल प्रभाव से सेवा निवृत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 22, 2017
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