कॉलेज एक
मंदिर है और विद्यार्थी उसका देवता। शिक्षक इस मंदिर का पुजारी है। शिक्षकों को
अपना काम सेवा भाव से करना चाहिए।
पूर्व
सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक प्रोफेसर डॉ. रामजी
सिंह ने उपरोक्त बातें कही। वे शनिवार को बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय के नव
नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए आयोजित 'जॉब इन्डक्शन ओरिएंटेशन प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने
कहा कि शिक्षक राष्ट्र-निर्माता है। शिक्षक के हाथ में हमारा भविष्य है। शिक्षकों
में तीन गुण होने चाहिए। एक, शिक्षकों में ज्ञान के लिए भूख एवं
प्यास होनी चाहिए। इसके लिए उसे नित्य
निरंतर अध्ययनशील होना चाहिए। दो, शिक्षकों
में विद्यार्थियों के प्रति वात्सल्य भाव
होना चाहिए। तीन, शिक्षकों को निष्पक्ष एवं बिना किसी बैर
भाव के होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की
शिक्षा में न तो जीवन है और न ही जीविका की गारंटी। आज ऐसे पढ़ने वाले बेकार एवं
बेवकूफ दोनों होते हैं।
कुलपति
प्रोफेसर डॉ. अवध किशोर राय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में अपार संभावनाएं हैं।
हमें मिलकर इसे आगे ले जाना है। शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाना है। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर
ज्योतिन्द्र चौधरी ने कहा कि शिक्षकों का आचार-विचार अच्छा होना चाहिए। अच्छे
शिक्षकों को हमेशा सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा कि यदि हम सच्चे इरादे से काम
करें तो सफलता सुनिश्चित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रति कुलपति
प्रोफेसर डॉ. फारूक अली ने कहा कि विश्वविद्यालय में सभी काम नियम-परिनियम से
होंगे । सभी नवनियुक्त शिक्षक विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में सहयोग करें।
इस
अवसर पर डॉ. अनिलकान्त मिश्र, डॉ. शैलेन्द्र कुमार, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. कुमारेश
प्रसाद,
डॉ. नरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. सुधांशु शेखर सहित सभी नव नियुक्त सहायक प्रोफेसर, प्रो शैलेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे ।
कॉलेज रुपी मंदिर के विद्यार्थी हैं देवता और शिक्षक हैं पुजारी: डॉ रामजी सिंह
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 29, 2017
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