मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज सब-डिवीजन स्थित उपकारा में बंद कैदियों ने उत्पीड़न के खिलाफ जगह-जगह आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है.
मिली जानकारी के अनुसार आवेदनकर्ता दिलदार आलम, अमित राय, मो.शाहिद हुसैन, मो.आशिक इकबाल, मिथलेश यादव, शंभू मेहता, लक्ष्मी मंडल, हरि ऋषिदेव, रंजू मरांडी समेत 46 बंदियो ने आवेदन में स्पष्ट किया है कि कारा कक्षपाल जमादार मो. मुस्ताक अहसन के द्वारा जेल में बंद कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार कर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है. इतना ही नहीं, कैदियो पर डंडे बरसाना, घास कटवाना और नहीं काटने पर अवैध वसूली करना उसके आदतों में शुमार है. दिलदार आलम ने लिखा है कि सुबह वार्ड खुलने पर वार्ड 03 में गिनती के क्रम में कक्षपाल जमादार मुस्ताक अहसन के द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठी चलाया गया, जिससे कैदियों में आक्रोश व्याप्त है. अहसन पर अवैध वसूली करने के आरोप के बावत कारा अधीक्षक के द्वारा कारा से बाहर सेवा का निर्देश दिया था, जिसे पुनः अंदर की ड्यूटी दे दी गयी.
आवेदक बंदियों ने कारा अधीक्षक, कारा महानिरीक्षक, जिला पदाधिकारी मधेपुरा, मानवाधिकार आयोग समेत तमाम लोगों को आवेदन प्रेषित कर न्याय की गुहार लगायी है. न्याय नहीं मिलने पर तमाम बंदियों ने आमरन अनशन की चेतावनी दी है.
ज्ञात हो कि कैदियों से अवैध उगाही व प्रताड़ित के मामले की जानकारी कारा अधीक्षक को बिहारीगंज के पूर्व विधायक सह मंत्री रेणु कुशवाहा एवं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार के द्वारा जिलाधिकारी को भी जानकारी दी गयी थी. जांच में सत्यता पाए जाने पर कारा अधीक्षक के द्वारा कार्रवाई भी की गई थी. लेकिन पुनः उसे अंदर में ड्यूटी दिये जाने से बंदियो में आक्रोश गहराने लगा है.
(रिपोर्ट: रानी देवी)
‘अंग्रेज के जमाने के जेलर’: कैदियों के साथ बर्बरता के आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 17, 2016
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