
गुरुवार को दिन के लगभग चार बजे एक उजले रंग की स्कार्पियो वाहन से भाड़ी मात्रा में अंग्रेजी औषधि सड़क के किनारे फेकी जा रही थी. इस घटना की जानकारी मधेपुरा टाइम्स को उनके एक पाठक के द्वारा सबसे पहले मिलते ही जब हम घटना स्थल पर पहुंचे तो पाया गया कि विभिन्न ब्रांडो की विभिन्न औषधियां कुछ एक्सपायर और कुछ नियर एक्सपायर शामिल हैं. ग्रामीण कुछ सहमे तो कुछ आक्रोशित थे. ग्रामीणों के द्वारा इसकी जानकारी चिकित्सा पदाधिकारी संजीव कुमार को सूचना दी जाने पर उन्होंने आने से साफ इंकार कर दिया. फिर इस घटना की जानकारी जिलाधिकारी मो सोहैल को दी गई तब उन्होंने मुरलीगंज प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संजीव कुमार को अपने टीम के साथ घटना स्थल पर जाने का निर्देश दिया.
चिकित्सा प्रभारी संजीव कुमार ने अपने टीम के साथ आकर दवाई जांच कर बताया कि यह सरकारी दवाई नही है, और न ही यह अस्पताल की दवा हैं. यह जांच का विषय बनता है. इसमे मैं कुछ नहीं कर सकता हूँ, यह थाना प्रभारी के अधिकार क्षेत्र का मामला बनता है.
लेकिन ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया कि इस तरह से फेकी गयी दवाई कही हमलोंगो के मवेशी या किसी अनपढ़ व्यक्ति उठाकर घर ले जाकर सेवन कर लिया तो क्या होगा?
ग्रामीणों के द्वारा इस घटना की जानकारी मुरलीगंज थाना में दी गयी. अब सवाल यह उठता है की आखिर इस तरह इतनी भाड़ी मात्रा में फेकने के पीछे क्या राज़ है और इस पर कोई भी अधिकारी जाँच क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या ये फर्जी दवाई कंपनी का मामला है या फिर राजस्व क्षति का मामला तो नहीं है. इन सारे सवालों के जवाब तब मिलेंगे जब इस घटना की जाँच होगी. और किसी भी सूरत में ये मामला हलके में लेने लायक नहीं है. मामले में आधिकारिक जांच की जरूरत तो बनती ही है.
मधेपुरा: लाखों की ‘एक्सपायरी’ और ‘नियर एक्सपायरी’ अंग्रेजी दवा फेंकी गई झाड़ियों में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 01, 2016
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