

संयुक्त छात्र संगठन के द्वारा उठाये गए दस मांगों पर छात्र संगठन और कुलपति में प्रतिकुलपति तथा अन्य पदाधिकारियों, जिनमे ख़ास कर बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय शिक्षक के महासचिव डॉ. अशोक कुमार तथा अभिषद सदस्य डॉ. रामनरेश सिंह की उपस्थिति में सहमति बनी. गत 17 जुलाई को हुए बी. एड. परीक्षा की जांच हेतु बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को अविलम्ब अनुशंसा करने का निर्णय लेते हुए दो माह तक नामांकन बंद रखने का निर्णय लिया गया. सरकार से यदि दो माह के भीतर जांच प्रतिवेदन नहीं मिलता है तो अभिषद की एक समिति बनाकर जांच प्रतिवेदन 15 दिनों के अन्दर प्राप्त कर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी. इस समिति में दो छात्र प्रतिनिधि भी रहेंगे.
विश्वविद्यालय में एकेडमिक कैलेण्डर लागू करने के सम्बन्ध में सर्वसम्मति बनी कि चूंकि बिहार एवं राजभवन राज्य स्तरीय एकेडमिक कैलेंडर लागू करने के प्रयास में है इसलिए विश्वविद्यालय स्तर से सेसन को नियमित करने का प्रयास किया जाएगा. छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा देने के मामले में अधिसूचना विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत की जा चुकी है. वर्षों से जमे अधिकारियों के तबादले के सम्बन्ध में कुलपति ने 15 दिनों के अन्दर कुछ न कुछ करने का आश्वासन दिया. इसके अलावे भी बाकी मांगों पर जल्द ही ठोस कदम उठाने की बात कही गई है.
माना जाता है कि अनशन को लगातार मिल रहे समर्थन की वजह से कुलपति को जल्द वापस आना पड़ा. जिसमें कल छातापुर विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने तो ये कहकर भी दवाब बनाने का प्रयास किया था कि विदेश में रहने वाले कुलपति की पोस्टिंग विदेश में ही कर दी जानी चाहिए.
जो भी हो, लगातार 12 दोनों से आमरण अनशन पर बैठे छात्रों का अनशन टूटने पर सबों ने राहत की सांस ली है. हालाँकि आज की वार्ता के दौरान एक बार छात्रों ने प्रतिकुलपति के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए जिसके दौरान अनशनकारी हर्षवर्धन सिंह राठौर कुछ समय के लिए बेहोश भी हो गए थे. अब देखना बाक़ी है कि क्या मांगों पर सचमुच अमल हो सकेगा या फिर विश्वविद्यालय अगले आन्दोलन को झेलने के लिए तैयार रहेगा.
BNMU: पहुंचे वीसी, 12 वें दिन टूटा अनशन, मांगों पर बनी सहमति
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 12, 2016
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