कोसी की तबाही से जनजीवन अस्त व्यस्त, आशियाना तलाशने को विवश हैं लोग

सुपौल। कोसी में हुए घटते-बढ़ते जलस्तर से बुधवार को प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में घुसे पानी से तबाही का आलम जारी रहा. इधर कोसी से कटाव में निरंतर हो रही बढ़ोतरी से कई गांव कोसी में विलीन हो रहे हैं. जिस वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है. बाढ़ प्रभावित लोगों का माल-मवेशियों के साथ पलायन बदस्तूर जारी है.
      ये बाढ़ प्रभावित लोग कहीं बांधों पर तो कहीं अन्य आश्रय स्थलों पर अपनी जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं. मध्य विद्यालय मंगा सिहौल व मध्य विद्यालय घोघररिया सहित अन्य जगहों पर आश्रय लिये इन बाढ़ पीड़ितों को प्रशासनिक स्तर से पूरी सुविधा नहीं मिलने का मलाल भी है. वहीं प्रशासनिक स्तर से पूर्ण सहयोग के दावे किये जा रहे हैं. सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन कोसी की विभीषिका झेल रहे इन विस्थापित परिवारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. विस्थापित परिवार के छोटे-छोटे बच्चे, महिलायें व माल-मवेशियों को लेकर जगह-जगह आसियाने की तलाश करने को विवश हैं. एक तरफ कोसी अपनी तबाही कम करने का नाम नहीं ले रही तो वहीं दूसरी तरफ इन विस्थापित परिवारों की समस्यायें बढ़ती ही जा रही है.

विभाग से उपेक्षित हैं विस्थापित:  कोसी की तबाही से विस्थापितों को एक तरफ जहां अपने आसियाने को खोने का गम है. वहीं दूसरी ओर नन्हे-मुन्ने बच्चों व माल-मवेशियों की चिंता भी इन्हें सता रही है. आलम यह है कि प्रशासनिक स्तर से इन विस्थापित परिवारों को दो वक्त का भोजन मुहैया कराये जाने की व्यवस्था करायी गयी है. लेकिन ससमय भोजन उपलब्ध नहीं होने के कारण इन परिवारों के छोटे-छोटे बच्चे भूख से तड़पते ही नजर आते हैं. इन परिवारों को जीने हेतु किसी प्रकार दो वक्त का भोजन भी मिल ही जाता है. वहीं बेजुबान माल-मवेशियों अपनी व्यथा किसे सुनाये. चारों तरफ पानी ही पानी के जमाव से इन मवेशियो को चारा नहीं मिल पाता है. इधर प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को सारी सुविधायें मुहैया कराने की बात कही जा रही है.

सैलानियों ने बढ़ाया मदद को हाथ: कोसी नदी की उफनती धारा को देखने पहुंचे एक अमेरिकन दंपति बाढ़ प्रभावित लोगों को देख काफी भावुक हो गए. इस दंपति ने मध्य विद्यालय मंगा सिहौल पहुंच कर विस्थापित परिवारों से मुलाकात किया. साथ ही विस्थापित परिवारों के लिये 50 स्वच्छ पेयजल का जार मुहैया कराया. मुसीबत की घड़ी में सैलानियों द्वारा किये सहयोग को देख कर इन विस्थापित परिवारों के आंसू छलक आये.

जनप्रतिनिधि निभा रहे अहम भूमिका: बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने हेतु जनप्रतिनिधि भी अपना पूरा सहयोग कर रहे हैं. पूर्व भाजपा विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने बाढ़ के दौरान कोसी क्षेत्र में ही अपना डेरा जमाये हुए हैं. बुधवार को श्री मुन्ना विस्थापित परिवारों से मिल कर उनकी समस्यायें सुनी. समस्या सुनने के उपरान्त जिला पदाधिकारी से दूरभाष पर आग्रह करते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों की स्थिति अत्यंत दयनीय है. श्री मुन्ना ने इन विस्थापित परिवारों को प्रशासनिक स्तर से पूर्ण सहयोग करने की अपील की. साथ ही डीजल के अभाव में बंद पड़े नावों के पुनः संचालन हेतु डीजल मुहैया कराने की बात के साथ जिला पदाधिकारी से किया. इस दौरान श्री मुन्ना ने जिला पदाधिकारी से एक बार स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने का अनुरोध किया.

 जलस्तर में हो रही वृद्धि से आमलोग हलकान:  बुधवार को कोसी बराज से एक लाख 85 हजार क्यूसेक व बराह क्षेत्र से एक लाख 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जल स्तर में निरंतर हो रही वृद्धि से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त है. वहीं आमलोग भी हल्कान हैं. बढ़ते जलस्तर से बांध के भीतरी क्षेत्र में बसे लोगों को बीच दहशत व्याप्त है.
कोसी की तबाही से जनजीवन अस्त व्यस्त, आशियाना तलाशने को विवश हैं लोग कोसी की तबाही से जनजीवन अस्त व्यस्त, आशियाना तलाशने को विवश हैं लोग Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 20, 2016 Rating: 5

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