मधेपुरा में सिलिंग से प्राप्त जमीन के लिए पर्चाधारी महादलित परिवार वर्षों से अधिकारियों के आफिस के चक्कर लगा रहे हैं. उपर के अधिकारियों के आदेश की महज खानापूर्ति की जा रही है.
मामला जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के पटोरी पंचायत का है. बताया जाता है कि पिछले जनता दरबार में अपने ही आदेश पर कारवाई होता नही देख मधेपुरा के जिलाधिकारी ने सीओ सिंहेश्वर को जनता दरबार में ही मामले में पूछा तो सीओ ने 18 जून को पर्चा धारियों को जमीन की दखल करा देने की बात कही. लेकिन 18 जून को दो अंचल कर्मी सीआई और अमीन महज खानापूर्ति के लिए स्थल पर पहुंचे और पर्चाधारियों को बिना जमीन पर दखल कराये वापस लौट आये, जिससे महादलितो में काफी आक्रोश है.
जानकारी के अनुसार पटोरी पंचायत मे 1976 में भू-हदबंदी अधिनियम के तहत भू-धारी जयमंत सिह की 5 एकड जमीन अधिशेष अर्जित की गई थी, जिसमें 4•35 एकड जमीन का वितरण लगभग 11 महादलितों के बीच 21 अगस्त 1992 में पर्चा काट कर किया गया था. पर्चाधारी सरकार को तब से ही उक्त जमीन का लगान देते आ रहे हैं.
अधिकारियों के रवैये को देखते हुए महादलितो का जमीन पर दखल संभव नहीं लग रहा है.
मामला जिले के सिंहेश्वर प्रखंड के पटोरी पंचायत का है. बताया जाता है कि पिछले जनता दरबार में अपने ही आदेश पर कारवाई होता नही देख मधेपुरा के जिलाधिकारी ने सीओ सिंहेश्वर को जनता दरबार में ही मामले में पूछा तो सीओ ने 18 जून को पर्चा धारियों को जमीन की दखल करा देने की बात कही. लेकिन 18 जून को दो अंचल कर्मी सीआई और अमीन महज खानापूर्ति के लिए स्थल पर पहुंचे और पर्चाधारियों को बिना जमीन पर दखल कराये वापस लौट आये, जिससे महादलितो में काफी आक्रोश है.
जानकारी के अनुसार पटोरी पंचायत मे 1976 में भू-हदबंदी अधिनियम के तहत भू-धारी जयमंत सिह की 5 एकड जमीन अधिशेष अर्जित की गई थी, जिसमें 4•35 एकड जमीन का वितरण लगभग 11 महादलितों के बीच 21 अगस्त 1992 में पर्चा काट कर किया गया था. पर्चाधारी सरकार को तब से ही उक्त जमीन का लगान देते आ रहे हैं.
अधिकारियों के रवैये को देखते हुए महादलितो का जमीन पर दखल संभव नहीं लग रहा है.
पर्चाधारी महादलित परिवार जमीन के लिए लगा रहे ऑफिस के चक्कर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 24, 2016
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