मधेपुरा में नदियों के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे भू-माफिया

नदी के मुहाने पर बसे मधेपुरा जिला के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं भू-माफिया. बड़ी संख्या में सरकारी जमीन और नदी की जमीन के फर्जी कागजात बनाकर धड़ल्ले से बेची जा रही है और प्रशासन की उदासीनता के कारण मधेपुरा जिले के आधा दर्जन नदियों का अस्तित्व खतरे में है.
      मिली जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में नदी की जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है तथा भू-माफियों द्वारा फर्जी कागज के आधार पर अतिक्रमित जमीन बेची जा रही है जिसे कोई देखने वाला नहीं है. छोटा और दो नदियों के बीच ही सिमट कर रहने वाले मधेपुरा जिला मुख्यालय में जमीन की कमी और बढ़ते दर के कारण लोगों ने नदी में ही घर बनाना भी प्रारंभ कर दिया है. ये हाल सिर्फ मधेपुरा का ही नहीं है. बताया जाता है कि पूरे कोसी के इलाके में भू-माफियायों के बिछे जाल की ताजा नजर ऐसे ही अनाथ पड़े जमीन पर पड़ चुकी है. ऐसे में खतरा इस बात का भी है कि नदियों के साथ छेड़छाड़ कोसी को बौरा भी सकती है और यदि कुसहा त्रासदी जैसी आपदा आ गई तो मधेपुरा को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकेगा. जाहिर है प्रशासन को इस पर नजर रखनी होगी ताकि नदियों की जमीं भू-माफियाओं का ग्रास बनकर न रह जाय.
    उदाहरण के तौर पर जिला मुख्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र के पूरब से गुजरने वाली नदी जो आजकल सूखा हुआ है, उसमें लोगों द्वारा पिलर और चहारदिवारी से घेरकर घर बनाने की तैयारी चल रही है. अगर ये नदी बंद हो गई तो बाढ़ के समय पानी का निकासी भी कम हो जाएगा जिससे जिला मुख्यालय को भाड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
     सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भू-माफिया पहले राजस्व कर्मचारी की मिलीभगत से सरकारी जमीन का बन्दोबस्ती तथा दाखिल-खारिज अपने नाम करवाते हैं, फिर मौटी रकम लेकर उसे बेच देते हैं. कहते हैं कि इसकी जानकारी जिले के कई उच्चाधिकारी को भी है लेकिन अधिकारी चुप्पी साधे बैंठे हैं. बताया यह भी जाता है कि यदि सघन जांच की जाय तो दर्जनों निजी स्कूल भवन व निजी भवन की जमीन सरकारी निकलेगी. लेकिन जांच करे तो करे कौन?  शायद हमाम में सभी नंगे हैं. 
(नि.सं.)
मधेपुरा में नदियों के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे भू-माफिया मधेपुरा में नदियों के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे भू-माफिया Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 17, 2016 Rating: 5

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