देवना गोपाल: बाणासुर राक्षस के द्वारा स्थापित शिवलिंग की पूजा विष्णु ने भी की थी (कोसी के धर्मस्थल-1)

शान्ति से महादेव और पार्वती की पूजा करने के शौकीनों के पसंद का ये मंदिर सहरसा जिले के कहर प्रखंड के देवना गोपाल में है. इस स्वच्छ और पवित्र मंदिर से जुड़े पुजारी और अन्य लोग इसके पौराणिक महत्त्व को बताते हैं और कहते हैं कि यहाँ आइये और शुद्ध मन से कुछ मांगकर जाइए, मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होगी.
क्या कहते हैं पौराणिक महत्त्व के बारे में?: पुजारी सुमन कुमार झा, योगेन्द्र झा आदि बताते हैं कि यहाँ स्थापित शिवलिंग को पौराणिक काल में बाणासुर राक्षस ने स्थापित किया और सर्वशक्तिशाली बनने के वरदान को प्राप्त करने के लिए शिवलिंग की पूजा शुरू की थी. कहते हैं कि कालांतर में भगवान् विष्णु ने भी यहाँ शिवलिंग की पूजा की थी. कहते हैं कि बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में राजा बनैली का चरवाहा यहाँ गाय चराने आता था और गाय को वापस ले जाने के क्रम में देखता था कि एक गाय एक खास जगह पर खड़ी हो जाती थी और उसके थन से उस स्थान पर
दूध गिरने लगता था. प्रतिदिन इस घटना को दुहराते देख उसने इसकी सूचना राजा को दी और जब उस स्थान को खुदवाया गया तो वहां शिवलिंग स्थापित मिला और फिर राजा ने यहाँ एक भव्य मंदिर बनवा कर पूजा शुरू की और आमलोगों को इसे समर्पित कर दिया. सैंकड़ों साल पुराने इस मंदिर और इसके पीछे बने वनदुर्गा के मंदिर में आस्था रखने वाले इस कहानी पर भरोसा करते हैं.
बाद में सहरसा जिले के मुरली बसंतपुर के राजपूत जमींदारों के द्वारा यहाँ और भी भूमिदान कर मंदिर का 


कैसे पहुंचे देवना गोपाल मंदिर?: सहरसा मुख्यालय से बरियाही होते देवना गोपाल की दूरी करीब 10 किलोमीटर है जबकि नरियार बलहा होते हुए महज 7 किलोमीटर की दूरी तय कर आप इस मंदिर के दर्शन के लिए पहुँच सकते हैं.
(वि.सं.)
[Devna Gopal, Shivling, Devna Temple]
देवना गोपाल: बाणासुर राक्षस के द्वारा स्थापित शिवलिंग की पूजा विष्णु ने भी की थी (कोसी के धर्मस्थल-1)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 14, 2016
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Jay ho bababaneshwar nath
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