त्रिशुलधारी बाबा भोले शिव शंकर की आज शाम बाबा की नगरी में बाबा के दरबार से ही बरात निकली. बरात में शामिल हुऐ साधु संतों, भूत-भूतनी, राक्षसों की टोली के साथ साथ विभिन्न प्रकार की झांकियों के कारण सिंहेश्वर बाजार में तिल रखने की भी जगह नहीं थी.
औघड़दानी के बरात में शामिल होने के लिये उमड़ी भीड के कारण घंटो जाम सा लग गया. बाबा के बरात को लेकर लोग अपने अपने घरों के आगे फूल, अगरबत्ती और दीप जलाकर कतारबद्ध होकर परिणय सूत्र में बंधने जा रहे बाबा की एक झलक पाने के लिए उतावले हो रहे थे.
रथ पर बाबा भोले शंकर के साथ एसडीओ सह सचिव सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति संजय कुमार निराला, दिवाकर सिंह, कन्हैया ठाकुर, मनीकांत ठाकुर थे जो श्रृदालुओ को बाबा की अबीर प्रसाद के रूप में लगा रहे थे और उनसे प्राप्त फूल और अगरबत्ती को जगह दे रहे थे. जाहिर है, बाबा भोले की बरात निकले तो भक्तों का उतावला होना स्वाभाविक ही था.
औघड़दानी के बरात में शामिल होने के लिये उमड़ी भीड के कारण घंटो जाम सा लग गया. बाबा के बरात को लेकर लोग अपने अपने घरों के आगे फूल, अगरबत्ती और दीप जलाकर कतारबद्ध होकर परिणय सूत्र में बंधने जा रहे बाबा की एक झलक पाने के लिए उतावले हो रहे थे.
रथ पर बाबा भोले शंकर के साथ एसडीओ सह सचिव सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति संजय कुमार निराला, दिवाकर सिंह, कन्हैया ठाकुर, मनीकांत ठाकुर थे जो श्रृदालुओ को बाबा की अबीर प्रसाद के रूप में लगा रहे थे और उनसे प्राप्त फूल और अगरबत्ती को जगह दे रहे थे. जाहिर है, बाबा भोले की बरात निकले तो भक्तों का उतावला होना स्वाभाविक ही था.
भूत-भूतनी, साधू-संतों के साथ निकली बाबा भोले की बरात
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 07, 2016
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