धरना-प्रदर्शन-अनशन का अड्डा बनकर रहा गया बी.एन.एम.यू.

मधेपुरा का मंडल विश्वविद्यालय इन दिनों धरना, प्रदर्शन और अनशन की जगह बनकर रह गई है. इन दिनों विश्वविद्यालय परिसर घुसते ही आपको यहाँ का वातावरण कुछ अधिक ही अजीब लगेगा. पढ़ाई का वातावरण कहीं से यहाँ आपको नहीं दिखेगा और कुल मिलकर ये अनशन की माकूल जगह लगने लगी है.
    परिसर में दो जगह अलग-अलग समस्याओं से ग्रस्त विश्वविद्यालय से जुड़े लोग धरना और अनशन पर बैठे हैं. एक तरफ जहाँ विश्वविद्यालय मुख्यालय के कार्यरत 80 अस्थायी कर्मियों की सेवा सामंजन करने तक आउटसोर्सिंग पर की जाने वाली बहाली को स्थायी रूप से रोक लगाने के लिए विश्वविद्यालय कर्मी संघ के सचिव अखिलेश्वर नारायण की अध्यक्षता में अनशन पर बैठे हैं तो दूसरी तरफ शुक्रवार को चौथे दिन भी सभी अनुकम्पा अभ्यर्थी अपनी मांगों पर अडिग रहे. प्रक्षेत्रीय मंत्री सुशील कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में नियोजित कर्मियों ने भी धरनास्थल पर आकर इनके प्रदर्शन को समर्थन दिया.
    भले ही विश्वविद्यालय प्रशासन यह कहकर अपने कर्त्तव्य की इतिश्री मान ले कि इनकी समस्या पर ध्यान दिया जा रहा है, पर इस हकीकत से इनकार नहीं किया जा सकता है विश्वविद्यालय स्थापित करने वालों के सपने बिखरते जा रहे हैं.
धरना-प्रदर्शन-अनशन का अड्डा बनकर रहा गया बी.एन.एम.यू. धरना-प्रदर्शन-अनशन का अड्डा बनकर रहा गया बी.एन.एम.यू. Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 19, 2016 Rating: 5

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