आसमान की बुलंदियों को छूने के बाद भी जमीन से जुड़े रहे शिक्षा और साहित्य में राष्ट्र स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए मधेपुरा के दो विभूतियों को किया सम्मानित
मधेपुरा के दो विभूति जिन्होंने इस छोटे से जिले का नाम हाल में पूरे देश स्तर पर चर्चा में ला दिया, को आज अपने ही जिले में सम्मानित किया गया. लीक के हटकर शिक्षा और साहित्य में उम्दा प्रदर्शन करने वाले एक को जहाँ इसी शिक्षक दिवस को भारत के राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है तो दूसरे गीतकार अपनी गीतों से पूरे देश में चर्चित हुए हैं. एक रत्न राजशेखर ने अपनी मिट्टी की सौंधी खुशबु को शब्दों में पिरो कर पूरे देश को झूमने पर मजबूर किया तो दूसरे रत्न राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त श्री सत्यानारण झा ने अपना जीवन ही गरीब छात्रों के लिए अर्पित कर दिया.
जिला मुख्यालय के समिधा ग्रुप प्रांगण स्थित चन्द्रतारा मेमोरियल हाल में राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक सत्यनारायण झा और फ़िल्मी जगत में अपनी कलम का जादू चला चुके गीतकार राजशेखर का पूर्ण मिथिला रिवाज से चादर पर पाग पहना कर नागरिक सम्मान किया गया.
इस मौके पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित मधेपुरा की नामी साहित्यकार डॉ. शांति यादव, कोसी और भारत में इंटरनेट जगत में विशिष्ट पहचान बना चुके मधेपुरा के प्रसिद्ध साहित्यकार अरविन्द श्रीवास्तव और मधेपुरा के जाने-माने जनकवि के साथ औषधीय पौधों पर रिसर्च कर देश भर में मधेपुरा का नाम चर्चित करने वाले साहित्यकार शम्भू शरण भारतीय मौजूद थे.
सम्मान समारोह में साहित्यकार शम्भू शरण भारतीय ने कहा कि कला का क्षेत्र सीमा का मुंहताज नहीं होता. जिस प्रकार राजशेखर ने बहुत कम समय में जो उपलब्धि हासिल की हैं वो युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत हैं और सत्यनारायण झा ने राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त कर मधेपुरा के धरती को एक नई पहचान दी हैं.
साहित्यकार अरविन्द श्रीवास्तव ने कहा कि आप दोनों मधेपुरा के वो रत्न हैं जिन्होंने मधेपुरा को एक नई उंचाई दी है. साहित्यकार डॉ. शांति यादव ने कहा कि आसमान की बुलंदियों को छूने के बाद भी आप जमीन से जुड़े हैं ये बहुत बड़ी बात हैं. निश्चित तौर पर आपने पथप्रदर्शक की भूमिका निभाई हैं.
वहीँ सम्मानित शिक्षक सत्यनारायण झा और 'तनु वेड्स मनु' और 'फिर से नीतीशे' फेम गीतकार राजशेखर ने कहा कि अपनी माटी पर अपने लोगों के बीच विद्वानों से सम्मानित होना उनके लिए गौरव की बात है.
कार्यक्रम मुख्य अतिथि के तौर पर राजशेखर के पिता चंद्रशेखर आजाद उपस्थित थे जबकि मंच संचालन वक्ता हर्षवर्धन सिंह राठौर कर रहे थे. समिधा ग्रुप के संदीप शांडिल्य के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मोनी सिंह, अंशु, आशीष सोना, प्रभाकर कुमार, कुमार आशुतोष झा, मनीष कुमार, सूरज कुमार के साथ सैकड़ो युवा छात्र मौजूद थे. मौके पर संदीप शाण्डिल्य ने कहा कि यह सम्मान समारोह बस एक औपचारिकता थी और इसका उद्येश्य दरअसल समाज को इस बात की जानकारी देना है कि लीक से हट कर भी बहुत ऐसे कार्य होते हैं जिसमें बच्चे आगे बढ़ सकते हैं तथा ख्याति और देश-समाज को कुछ देने के साथ-साथ धन अर्जन भी कर सकते हैं. मौके पर कई छात्र-छात्राओं ने राजशेखर से कैरिअर सम्बंधित भी बहुत सारे प्रश्न पूछे जिनका जवाब वे सरलता से देते रहे.
(रिपोर्ट: मुरारी सिंह)
जिला मुख्यालय के समिधा ग्रुप प्रांगण स्थित चन्द्रतारा मेमोरियल हाल में राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक सत्यनारायण झा और फ़िल्मी जगत में अपनी कलम का जादू चला चुके गीतकार राजशेखर का पूर्ण मिथिला रिवाज से चादर पर पाग पहना कर नागरिक सम्मान किया गया.
इस मौके पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित मधेपुरा की नामी साहित्यकार डॉ. शांति यादव, कोसी और भारत में इंटरनेट जगत में विशिष्ट पहचान बना चुके मधेपुरा के प्रसिद्ध साहित्यकार अरविन्द श्रीवास्तव और मधेपुरा के जाने-माने जनकवि के साथ औषधीय पौधों पर रिसर्च कर देश भर में मधेपुरा का नाम चर्चित करने वाले साहित्यकार शम्भू शरण भारतीय मौजूद थे.
सम्मान समारोह में साहित्यकार शम्भू शरण भारतीय ने कहा कि कला का क्षेत्र सीमा का मुंहताज नहीं होता. जिस प्रकार राजशेखर ने बहुत कम समय में जो उपलब्धि हासिल की हैं वो युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत हैं और सत्यनारायण झा ने राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त कर मधेपुरा के धरती को एक नई पहचान दी हैं.
साहित्यकार अरविन्द श्रीवास्तव ने कहा कि आप दोनों मधेपुरा के वो रत्न हैं जिन्होंने मधेपुरा को एक नई उंचाई दी है. साहित्यकार डॉ. शांति यादव ने कहा कि आसमान की बुलंदियों को छूने के बाद भी आप जमीन से जुड़े हैं ये बहुत बड़ी बात हैं. निश्चित तौर पर आपने पथप्रदर्शक की भूमिका निभाई हैं.
वहीँ सम्मानित शिक्षक सत्यनारायण झा और 'तनु वेड्स मनु' और 'फिर से नीतीशे' फेम गीतकार राजशेखर ने कहा कि अपनी माटी पर अपने लोगों के बीच विद्वानों से सम्मानित होना उनके लिए गौरव की बात है.
कार्यक्रम मुख्य अतिथि के तौर पर राजशेखर के पिता चंद्रशेखर आजाद उपस्थित थे जबकि मंच संचालन वक्ता हर्षवर्धन सिंह राठौर कर रहे थे. समिधा ग्रुप के संदीप शांडिल्य के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मोनी सिंह, अंशु, आशीष सोना, प्रभाकर कुमार, कुमार आशुतोष झा, मनीष कुमार, सूरज कुमार के साथ सैकड़ो युवा छात्र मौजूद थे. मौके पर संदीप शाण्डिल्य ने कहा कि यह सम्मान समारोह बस एक औपचारिकता थी और इसका उद्येश्य दरअसल समाज को इस बात की जानकारी देना है कि लीक से हट कर भी बहुत ऐसे कार्य होते हैं जिसमें बच्चे आगे बढ़ सकते हैं तथा ख्याति और देश-समाज को कुछ देने के साथ-साथ धन अर्जन भी कर सकते हैं. मौके पर कई छात्र-छात्राओं ने राजशेखर से कैरिअर सम्बंधित भी बहुत सारे प्रश्न पूछे जिनका जवाब वे सरलता से देते रहे.
(रिपोर्ट: मुरारी सिंह)
आसमान की बुलंदियों को छूने के बाद भी जमीन से जुड़े रहे शिक्षा और साहित्य में राष्ट्र स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए मधेपुरा के दो विभूतियों को किया सम्मानित
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 25, 2015
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मधेपुरा की रचनात्मकता बचाने के लिए इस तरह के आयोजनों की आवश्यकता है.. समिधा ग्रुप और ’मधेपुरा टाइम्स’ का आभार..!
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