कहते हैं ये इंडिया है, यहाँ कर चीज बिकती है. यहाँ
बिकने से मतलब लोग भी बिकते हैं, खरीदने वाला चाहिए. अब ये बात ताजा मामले में
कहाँ तक लागू है ये तो आने वाला समय बताएगा, पर आरोप है कि जिला मुख्यालय में अवैध
शराब खुलेआम बिकती है, वो भी भीड़ वाले जगह पर दुकान खोलकर और ताल ठोंककर.
मधेपुरा
में स्टेशन के पास मौजूद विदेशी शराब की दुकान (संख्यां-10) के अवैध होने की बात
कही जा रही है. जिला मुख्यालय में थाना चौक के पास भी दुकान संख्यां 10 ही है,
जिसे वैध दुकान कहा जा रहा है.
जानकारी
दी गई कि नए वितीय वर्ष में नगर परिषद् क्षेत्र में कुल दस शराब की दुकानों को ही
अनुज्ञप्ति (लायसेंस) दी गई, जो क्रमश: 1. जगन्नाथ साह 2. रूबी कुमारी 3. प्रकाश
चन्द्र जायसवाल 4. अभिनन्दन यादव 5. आशा देवी 6. राम कुमारी देवी 7. राम कुमारी
देवी 8. रिंकी कुमारी 9. रूबी कुमारी तथा 10. अनुज कुमार के नाम से हैं. जबकि नगर
परिषद् क्षेत्र में गिनने से शराब की दुकानों की संख्यां ग्यारह होती है, यानि एक
अवैध होने की पूरी आशंका है.
सूत्रों
से मिली जानकारी के मुताबिक स्टेशन के पास का दुकान नं.10 पिछले वितीय वर्ष में
वैध था, पर इस बार लायसेंस नहीं मिलने पर भी वह दुकान निर्बाध रूप से इस वितीय
वर्ष में चलाया जा रहा है और अधिकारी ने इसपर कोई पाबन्दी नहीं लगाई है. यदि ये
शराब की दुकान अवैध है तो मामले को अत्यंत ही गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्योंकि
इस दुकान में होने वाली बिक्री से जिला प्रशासन को कोई राजस्व प्राप्ति नहीं होगी
और साथ ही अन्य अनुज्ञप्तिधारी को दिए गए बिक्री के टारगेट पर भी असर पड़ेगा.
स्टेशन
के पास ही विदेशी शराब की दुकान संख्यां.2 के प्रबंधक का कहना है कि भिरखी के एक
व्यक्ति के द्वारा उनके सामने अवैध दुकान चलाया जा रहा है, जबकि इसकी सूचना
अधिकारी को भी दी गई है, पर बिना लायसेंस के इस दुकान को किस परिस्थिति में चलवाया
जा रहा है, समझ से परे है.
इस
सम्बन्ध में जब हमने मधेपुरा के उत्पाद अधीक्षक से जानकारी लेनी चाही तो पता चला
कि वे बाहर हैं और सोमवार को पूरी जानकारी दे पायेंगे, हालाँकि कहा गया कि नगर
परिषद् क्षेत्र में दस ही शराब की दुकानों को अनुज्ञप्ति दी गई है. (वि.सं.)
प्रशासन की नाक के तले जिला मुख्यालय में अवैध शराब की दुकान !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 18, 2015
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