आखिर कब तक अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना होगा? सरकार द्वारा लम्बे-चौड़े वादों और दावों के
बीच मतदाता सूची
पुनरीक्षण का कार्य शुरू किया गया. 24 मई और 7 जून को मतदान केंद्रों पर मतदाता पुनरीक्षण का कार्य तामझाम के साथ करना था. 24 मई को तो कई अधिकारी सिंहेश्वर में ही नहीं थे. उलटे एक प्रतिष्ठित मनरेगा के पदाधिकारी ने तो यह
काम मेरा नही है कह कर
उच्चाधिकारियों के आदेश की धज्जियां उड़ा दी
तो बीएलओ का बूथ पर नही रहना आम
बात है. वहीं 7 जून
को जिला से मतदान केंद्रों के निरिक्षण के लिए डीसीएलआर सुधीर कुमार ने बीडीओ अजीत कुमार के साथ मतदान केंद्रों का दौरा किया तो
केन्द्रों पर बीएलओ
तो बीएलओ आधिकारी भी कही नजर नहीं आ रहे थे.
सरकार के आला अधिकारियों के द्वारा
कब तक जनता की गाढी कमाई को इस तरह बर्बाद
किया जायेगा? क्या कभी
मतदाता सूची का प्रकाशन
बिना अशुद्धियों के निकल सकेगा? ऐसे हालत में तो ये सपना ही दीखता है.
मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य: वादे और दावे हो रहे धराशाई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 08, 2015
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