![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVKZjH08UYBVJzyCQeBUIGr16PePSvGXrBCNNmqL19soNuCB4bnsDNKn7nHQbrnq3XapsZ3vOtUfGD7NF0t-KnpAkm5BcgIYLipjXUvgeW5t0ZoZ0F0y7xP3LqXFdQ52DPjZWg2O_Z-JJ_/s1600/Madhepura+Times+News.jpg)
मधेपुरा
जिले के चौसा के पचरासी में लगने वाले मेले की तैयारी पूरी हो चुकी है और आज जिले
के कई वरीय पदाधिकारियों ने मेला स्थल का सूक्ष्म जायजा लिया. मधेपुरा के एनडीसी
प्रदीप कुमार झा, डीपीआरओ राकेश कुमार, उदाकिशुनगंज अनुमंडल के एसडीओ दीपक कुमार
साहू, एसडीपीओ रहमत अली आदि ने स्थल का आज निरीक्षण किया और जहाँ भी कमियां दिखी
उसे दूर करने का निर्देश दिया.
पशु
पालक देवता के रूप में भारत प्रसिद्ध बाबा बिशु राउत के मंदिर में 14 अप्रैल से 16
अप्रैल तक श्रद्धालुओं द्वारा चढाये जाने वाले दूध से नदी जैसा रूप दिखना लाजिमी
ही है और इसलिए कहा जाता है, पचरासी-जहाँ बहती है दूध की नदी.
इस साल
पूर्व में इसे बड़े मेले का रूप देने के अपने वादे को निभाने सूबे के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के आगमन को देखते हुए श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है.
क्यों है पचरासी महत्वपूर्ण: कहते हैं कि आज से करीब
तीन सौ साल पहले भागलपुर के सबौर निवासी बाबा बिशु राउत चौसा के पचरासी में रहने आ
गए थे. बाबा पशु पालक थे और पशुओं के बारे में उनकी जानकारी दैवीय थी. इलाके के
बीमार पशुओं को चुटकी बजाते ठीक कर देने से इलाके के पशुपालक बाबा को देवता समान पूजने
लगे और फिर कहा जाता है कि उनकी समाधि स्थल पर बने मंदिर में दूध चढ़ाने की परंपरा
करीब तीन सौ साल पूर्व से इतनी प्रचलित हुई कि अब तो झारखण्ड और नेपाल के पशुपालक
भी मानते हैं कि बाबा का आशीर्वाद यदि रहा तो उनके पशु सदा स्वस्थ रहेंगे.
फिर दूध की नदी बहेगी मधेपुरा में !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 12, 2015
Rating:
![फिर दूध की नदी बहेगी मधेपुरा में !](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh6XstryDXykTx89kvR5zTI5wFTnPJ3YfZ2EP74oetHO-h43J_WQbIWCNQI9kugk3aUmJqaxVl3D7imfiI52Q6nXeJfPMPFjSF0aolNAerE_wp6qy1RqrQFaDSDOLW_ecNAtIOoEDXKuHmb/s72-c/Shankar+Suman.png)
No comments: