जिंदगी को मौत की तरह जीते है हिमोफिलिया के रोगी: बिहार में स्थिति और भी बदतर

विश्व हिमोफिलिया दिवस इसी 17 अप्रैल को गुजर गया. बिहार में ये दिवस और भी ख़ामोशी से गुजरा. शायद इसलिए कि यहाँ सरकार की शर्मनाक उदासीनता की वजह से इस दिवस को जोर-शोर से मनाने लायक कुछ था भी नहीं.
      स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार में दावे बहुत हैं, उपलब्धि काफी कम. कभी घोषणा हुई थी कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में हिमोफिलिया की दवा उपलब्ध होगी, पर यहाँ तो पीएमसीएच का ही हाल बुरा है और दवा के रूप में फैक्टर VIII या IX इंजेक्शन जब पीएमसीएच में ही उपलब्ध न हो तो फिर क्या हो?
      आइये जानते हैं बीमारी, इलाज और बिहार में क्या है रोगियों की स्थिति:
हिमोफिलिया एक जानलेवा बीमारी है. हिमोफिलिया A फैक्टर VIII या IX नामक प्रोटीन के कमी से होता है,जिसके कारण प्रभावित व्यक्ति के शरीर में कहीं हल्का सा कट जाने पर भी रक्तश्राव आसानी से बंद नहीं होता है और थोड़ा सा भी चोट लगने से अन्दर रक्त का जमाव हो जाता हैं जो बहुत ही खतरनाक है. इसमें आंतरिक रक्तश्राव होता रहता है. जोड़ों में सूजन एवं असहनीय दर्द होने लगता हैं.
इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज़ नहीं है जबकि Symptomatical Treatment या यूँ कहा जाय कि Temporary Treatment के रूप में फैक्टर VIII या IX इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है. जो खुले बाज़ार में उपलब्ध नहीं है. यह बिहार में सिर्फ PMCH में उपलब्ध है. खुले बाज़ार में उपलब्ध हो भी जाय तो इसकी कीमत के वजह से इलाज़ दुर्लभ हो जाता हैं. हेमोफिलिया सोसाइटी, पटना के प्रयास से यह दवा PMCH में सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है. बिहार के कोने कोने से
प्रभावित व्यक्ति इस इंजेक्शन के लिए PMCH आते हैं और अगर PMCH में भी यह दवा उपलब्ध न हो तो? इसके लिये कोई अलग व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की गई है. PMCH पटना पहुँचने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. कहीं आवागमन की सुविधा नहीं होती है तो कहीं पैसे का अभाव होता हैं. कहीं साहस देने वाले साथी का अभाव, छुट्टी का अभाव तो
कभी PMCH के बेड खाली नहीं तो कभी दवा ही उपलब्ध नहीं.
ऐसे में प्रभावित व्यक्ति क्या करे? दर्द सहने के अलावा कोई और उपाय नहीं. जिंदगी एक दर्द है वाली कहावत चरितार्थ होने लगती हैं. सरकार से आग्रह है कि यदि हेमोफिलिया की दवा प्रत्येक PHC या कम से कम जिला मुख्यालय में उपलब्ध हो जाय तो हेमोफिलिया रोगी के लिये यह वरदान साबित होगा और उनका भी जीवन सामान्य  एवं सुव्यवस्थित हो जायेगा.
(लेखक की बीमारी को यदि आप विस्तार से जानना चाहते हैं और यदि आपके पास इनके लिए कोई सलाह हो, तो पहले इसे पढ़ें: दर्द जब हद से गुजर जाता है...)
जिंदगी को मौत की तरह जीते है हिमोफिलिया के रोगी: बिहार में स्थिति और भी बदतर जिंदगी को मौत की तरह जीते है हिमोफिलिया के रोगी: बिहार में स्थिति और भी बदतर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 20, 2015 Rating: 5

1 comment:

  1. mr shubhashish, i hope you are aware of this. if you are planning to have children then you must undergo genetic counselling so that it can be prevented in child. always prevention is better than cure.

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