बाल मजदूरों को उनके बचपन वापस करने
के अभियान को लेकर भले ही भारत के कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार मिल गया हो,
पर बाल मजदूरी कराने वाले कोसी के दलालों को शायद ही इससे कोई फर्क पड़ता हो.
आज मधेपुरा में
रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स) के जवानों ने ने गुप्त सूचना के
आधार पर एक दलाल के चंगुल से 06 बच्चों को मुक्त करा लिया. मौके पर ही बाल मजदूरों
के दलाल को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद पुलिस छानबीन में जुट गई है. जानकारी
मिली कि इन 6 बच्चों को बाल-मजदूरी कराने के उद्येश्य से दलाल मध्यप्रदेश के रतलाम
ले जाने की फ़िराक में थे. मौके पर विपिन कुमार के नेतृत्व में मधेपुरा पुलिस की कमांडो टीम भी पहुँच चुकी थी.
पुलिस के द्वारा
मुक्त कराये गए बच्चों ने बताया कि वे मधेपुरा जिले के ग्वालपाड़ा थाना के दुधैला
गाँव के रहने वाले हैं. गाँव के ही अनिल यादव और रमेश यादव उन्हें काम दिलाने और
मजदूरी कराने रतलाम ले जा रहे थे.
लेकिन बच्चों का
सौभाग्य अच्छा था और दलालों का दुर्भाग्य था कि पुलिस ने इन्हें अपने कब्जे में ले
लिया. मौके से अनिल नामक दलाल भागने में सफल रहा जबकि रमेश को पुलिस ने गिफ्तार कर
आवश्यक कार्यवाही कर रही है. (नि० सं०)
छ: बाल मजदूरों को पुलिस ने कराया मुक्त: एक दलाल गिरफ्तार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 27, 2015
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