मधेपुरा के बी0एन0मंडल विश्वविद्यालय को
स्थापना के
23 साल बाद सरकार से 68 पदों की स्वीकृति मिलने के बाद विश्वविद्यालय के कर्मचारी और
अधिकारियों ने खुशी में मोमबत्ती जलाकर व पटाखे फोड़ कर आज दीपावली मनाया. बता दें कि
स्थापना से लेकर अब तक में 22 कुलपति आये और गये. मंडल विश्वविद्यालय देश का अजूबा
विश्वविद्यालय था जो अस्थाई कर्मचारी के सहारे
चल रहा था. लेकिन 23 साल बाद सरकार की नींद खुली और वर्तमान कुलपति डा० बिनोद कुमार
के प्रयास से 68 पद स्वीकृत किये गये हैं. इससे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों में जश्न का माहौल है.
विश्वविद्यालय में दीपावली मनाते समय अधिकारी-कर्मचारी कुलपति जिंदाबाद के नारे
लगा रहे थे.

बता दें कि मंडल विश्वविद्यालय की
स्थापना वर्ष 1992 ई० में हुई थी. इसके बाद से सरकार द्वारा एक भी कर्मी के पद को स्वीकृत
नहीं की थी. विश्वविद्यालय पिछले 23 साल से अस्थाई कर्मी के सहारे चलता आ रहा था.
इससे पूर्व 22 कुलपति आये और चले गये. कितनी सरकारें बदली लेकिन किसी ने ईमानदारी से
विश्वविद्यालय के लिए पद सृजन की दिशा में प्रयास नहीं किया. लेकिन 23 वें कुलपति के
रूप वर्तमान कुलपति डा० बिनोद कुमार आये तो पद सृजन के कलंक को मिटाने का निर्णय लिया
था और महज पांच माह के कार्यकाल में ही सरकार से 68 पद का सृजन कराकर विश्वविद्यालय
को जीवन दान दिलाने का काम किया है.
दीपावली मनाने के मौके पर
उपस्थित कुलसचिव विश्वनाथ विवेका, सीनेट सदस्य डा० परमानन्द यादव, खेल पदाधिकारी
डा० शैलेन्द्र यादव, कुलपति के पीए शम्भू नारायण यादव आदि मौजूद थे.
सुनें खुशी के इजहार को इस
वीडियो में, यहाँ क्लिक करें.
मंडल विश्वविद्यालय में दीपावली: 68 पदों के सृजन की खुशी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 06, 2014
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