
मधेपुरा
जिला मुख्यालय के कई चिकित्सकों ने क्लीनिकों को हटाना शुरू कर दिया है. मधेपुरा
टाइम्स ने जब इस मामले पर पूरे शहर का दौरा किया तो पाया कि सांसद की फर्जी
डॉक्टरों की सूची वाले कुछ डॉक्टरों ने फिलहाल अपना धंधा बंद कर दिया है, जबकि कई
चोरी-छुपे अभी भी मरीजों का शोषण कर रहे हैं.
मधेपुरा में कुछ ऐसे क्लीनिकों की भी मौजूदगी
दर्ज की गई है जहाँ कोई भी डॉक्टर है ही नहीं. कुछ युवकों के द्वारा इसे संचालित
किया जा रहा है और यहाँ सबसे महत्वपूर्ण भूमिका दलालों की है. ऐसे क्लीनिकों को
चलाने वाले युवक पहले किसी डॉक्टर के साथ कंपाउंडर बनकर रह चुके हैं और ऑपरेशन आदि
को देख चुके हैं, पर जाहिर है इन्हें चिकित्सा विज्ञान के अंदर की कोई जानकारी नहीं
है. ऐसे में जब बात बिगड़ती है तो ये रोगी को किसी अन्य डॉक्टर के पास भेज देते हैं.
ऐसे में रोगी का आर्थिक और शारीरिक दोहन दुगुना हो जाता है.
बात
सीधी है, ऐसे नकली और फर्जी डॉक्टरों से मधेपुरा को निजात चाहिए, तब ही आम लोगों
की जिंदगी सुरक्षित रह सकेगी और वे अपनी कमाई का सदुपयोग कर पायेंगे. हालांकि इस बात की आशंका हमेशा बनी रहेगी कि जैसे ही इस अभियान की गति कम होगी, फिर से मधेपुरा में फर्जी डॉक्टर पाँव पसारने लगेंगे.
(वि० सं०)
घोंसला उजाड़ कर भाग रहे मधेपुरा से फर्जी डॉक्टर !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 24, 2014
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