महिलाओं को आजादी मिली तो फिर आजादी के नाम पर कपड़े
पहनने के तरीकों में भी बदलाव आना शुरू हो गया. महिलाओं के साथ हो रहे छेड़छाड़ और
बलात्कार आदि के पीछे कपड़े कितने दोषी हैं इसपर तरह-तरह के तर्क परोसे जाने लगे.
विद्वानों ने कहा कि यदि कपड़े जिम्मेवार होते तो फिर छोटी बच्ची क्यों दुष्कर्म का
शिकार होती? तो कपड़ों को जिम्मेवार मानने वाले लोगों ने कहा कि कम कपड़े मानसिक रूप
से कमजोर पुरूषों की भावनाएं भड़काने में
सहायक होती हैं और भड़की भावना को वे वैसी
जगह निकालना चाहते हैं जिसे वे सुरक्षित मानते हैं और ये भी एक वजह है कि बच्चियों
को शिकार बनाया जाता है.
सहायक होती हैं और भड़की भावना को वे वैसी
जगह निकालना चाहते हैं जिसे वे सुरक्षित मानते हैं और ये भी एक वजह है कि बच्चियों
को शिकार बनाया जाता है.
खैर,
तर्क-वितर्क अपनी जगह है और हकीकत अपनी जगह. इस हकीकत से आसानी से इनकार करना शायद
सच्चाई से मुंह मोड़ना होगा कि महिलाओं के कपड़े पुरुषों की मानसिकता को बदलने का एक
अहम कारण है. यदि ऐसा नहीं होता तो छोटे या बेढंगे कपड़े पहन कर सड़कों पर निकलने
वाली महिलाओं अपेक्षाकृत ज्यादा नहीं घूरी जाती. यदि आप सहमत नहीं हैं तो जरा इस
वीडियो को देखिये, यहाँ
क्लिक करें.
(ब्यूरो रिपोर्ट)
लड़कियों के छोटे कपड़े पहनने पर ज्यादा घूरते हैं मर्द !: जरा इस वीडियो को तो देखिये
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 23, 2014
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