|संजय कुमार|22 अगस्त 2014|
“बिना पिए जो मधुशाला को बुरा कहे,
वो मतवाला,
पी लेने पर
तो उसके मुंह पर
पड़ जाएगा ताला,
दास
द्रोहियों, दोनों में है जीत
सुरा की, प्याले की
विश्वविजयी बनकर
जग में
आई मेरी मधुशाला.”- हरिवंशराय बच्चन
बिहार सरकार यानि शराब सरकार.
उत्पाद विभाग से आमदनी लेकर जनता के विकास का दावा करने वाली सरकार ने एक बड़ी
आबादी को दारू कि भट्ठी में झोंक दिया है.
हाल ये
है कि अब आपको कहीं भी शराब के नशे में धुत्त कोई बिहारी दिख जाएगा. नाला हो या
सड़क, खेत हो या गड्ढा, शराब अपना असर खूब दिखा रही है. हालत अब ये है कि आप कहीं
सफर पर निकले तो अब बिहार में यदि आप गंतव्य स्थान की दूरी देखने के लिए यदि
माइलस्टोन देखें तो कभी-कभी माइलस्टोन भी आपको बता देगी कि बिहार में शराबियों की
संख्यां में काफी इजाफा हुआ है और सड़क के किनारे लुढके ये शराबी मानो कह रहे हो, “नीतिश सरकार, जिंदाबाद, मांझी
सरकार जिंदाबाद.”
रिपोर्ट
में दिखाई जा रही तस्वीर मुरलीगंज की है जहाँ माइलस्टोन के बगल में या बेसुध शराबी
घंटों पड़ा रहा.
बिहार में माइलस्टोन भी भी कहता है कि शराब के नशे में सूबा है मस्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 22, 2014
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