बिहार के इंटर सायंस टॉपर के पिता करते हैं ठेला से गैस सिलिंडर ढोने का काम

|वि० सं०|27 मई 2014|
बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा 2014 के साइंस और कॉमर्स के रिजल्ट निकलते ही जहाँ कई घरों में खुशियाँ आ गई वहीँ मधेपुरा का रिजल्ट इस बार खराब होने की सूचना है. कारण साफ़ है, कदाचार के भरोसे जिंदगी नहीं चलती है. जो लायक नहीं हैं वे फेल हुए हैं और उन्हें अब मिहनत कर अपने ऊपर से नालायकी का दाग हटाना है.
      पर साइंस में बिहार में टॉप करने वाले रविश कुमार की कहानी जरा हट के है. रविश  ने जहाँ इस परीक्षा में 500 में 425 अंक (85%) लाकर यह दर्शा दिया है कि कड़ी मिहनत का कोई विकल्प नहीं है, वहीं रविश उन रईस बाप के नालायक बेटों के मुंह पर बड़ा तमाचा है जो खूब सुविधा मिलने के बाद भी ढंग से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं और कदाचार या पैरवी के बल पर अच्छे अंक की फिराक में रहते हैं.
      दानापुर डीएवी इंटर स्कूल के छात्र रविश के पिता अशोक कुमार सिंह की हैसियत एक मजदूर से है और वे एक गैस एजेंसी के लिए सिलिंडर ढोकर उपभोक्ताओं के घर पहुंचाने का काम करते हैं. अत्यंत ही गरीबी में पल रहे रविश ने ट्यूशन पढाकर घर को आर्थिक मदद पहुँचाने की कोशिश की, पर माँ की ममता ने उसे ऐसा नहीं करने दिया.
      रविश आगे पढ़ाई कर एक बड़ा साइंटिस्ट बनना चाहता है.
बिहार के इंटर सायंस टॉपर के पिता करते हैं ठेला से गैस सिलिंडर ढोने का काम बिहार के इंटर सायंस टॉपर के पिता करते हैं ठेला से गैस सिलिंडर ढोने का काम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 27, 2014 Rating: 5

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