पहला महिला बैंक: पद्मश्री फूलबसन यादव की उपेक्षा क्यों ?

हम सभी को मालूम चले कि आज देश के पहले भारतीय महिला बैंक का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उद्घाटन किया. इस मौके पर उनके साथ यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी थे. बैंक से महिलाओं को अपनी मनपसंद किचन बनवाने के लिए भी अब लोन मिलेगा. सिर्फ इतना ही नहीं डे-केयर सेंटर जैसे छोटे कारोबार के लिए भी अब कर्ज मिल पाएगा. आप को बताते चलें कि पिछले आम बजट से पूर्व देश के वित्त मंत्री के सामने किसी महिला ने इस तरह के बैंक खोलने के लिए सुझाव प्रस्ताव किया था. वह थी पद्मश्री फूलबसन यादव. लेकिन उदघाटन समारोह में फूलबसन का कही भी अता पता नहीं था. एक बार भी कहीं जिक्र न सुना कि फूलबसन नाम की एक महिला भी थी जिसके प्रस्ताव से इस शुभ कार्य को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली. भारतीय महिला बैंक की पहली चेयरपर्सन ऊषा अनंतसुब्रमण्यम जी हैं, उन्होंने भी फूलबसन का जिक्र करना जरुरी नहीं समझा ? राजस्थान की सुश्री राजावत जी बैक के अध्यक्ष हैं, अब यह कैसे और किस तरह संभव हुआ, सरकार ही जाने. फूलबसन यादव पिछले एक दशक से महिला सक्तिकरण के लिए लगातार कार्यशील है. इसके लिए उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित भी किया है, लेकिन महिला बैंक के उदघाटन सहित बहुत से मुद्दों पर सरकार ने इस महान महिला के साथ नाइंसाफी किया है. देश में हरेक तरह के पुरस्कारों के नाम सरकार के अपने निजी लोगो के नाम से हैं. यह कैसा लोकतंत्र है ? कम से कम जो काबिल है उसका जिक्र भी तो करे ? अगर सीधे शब्दों में बोला जाये तो फूलबसन का जिक्र ना होना इस बात का सूचक है की आप चाहे जितना काम कर लें, जितनी जागरूकतासामाजिकता दिखा लें, आप का मूल्य तब तक निर्धारित नहीं होगा जब तक कि आप सरकार के रिश्तेदारी के आसपास न खड़े हो. आइये विरोध करें.



रंजन यादव 
पटना
पहला महिला बैंक: पद्मश्री फूलबसन यादव की उपेक्षा क्यों ? पहला महिला बैंक: पद्मश्री फूलबसन यादव की उपेक्षा क्यों ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 20, 2013 Rating: 5

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