लालू को भारत रत्‍न !

लालू जी के जेल जाते ही राबड़ी जी बोलने लगीं हैं । विरासत संभालनी है । वैसे अभी लालू जी को बाहर होना चाहिए था । पिछले दिनों नीतीश जी ने अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्‍न देने की उठी मांग का समर्थन करते हुए कर्पूरी ठाकुर के लिए भी मांगी थी । नीतीश जी ने बोला,तो राबड़ी जी का जवाब तो आना ही था ।
                आज सोमवार को राबड़ी जी ने लालू प्रसाद को ही भारत रत्‍न देने की मांग कर दी । उन्‍होंने कहा कि कब का ही मिल जाना चाहिए था । घाटे की रेल को नब्‍बे हजार करोड़ (बकौल राबड़ी जी) के मुनाफे में ले गये,कम है क्‍या । कभी भाड़ा बढ़ाया नहीं,घटाया ही । कुलियों की नौकरी पक्‍की कर दी,और क्‍या करते ।
राबड़ी जी की मांग पर कोई शिकायत नहीं है । लेकिन इतना पता तो होना ही चाहिए था कि अभी ऐसी बातें करने का वक्‍त नहीं है । केन्‍द्र की सत्‍ता में खुद राबड़ी देवी होतीं,तब भी नहीं दे पातीं । पहले सजा से तो बरी हो लें ।
                          समय की मांग है कि अभी राबड़ी जी राजद की ताकत को बस घटने न दें । इसके लिए संभल-संभल कर बोलना होगा । लालू जी जब तक बाहर नहीं आ जाते,तब तक फिजां को बनाये रखना आसान नहीं होगा । सभी दुश्‍मन चाहेंगे कि वे लोकसभा चुनाव तक भीतर ही रहें । रामविलास पासवान से झगड़ा लगाने की कोशिश तो अंदरखाने में चल ही रही है ।
                     वैसे,यह मानने में कोई गुरेज नहीं कि बिहार के पिछड़ों-दलितों को सशक्‍त आवाज तो लालू प्रसाद ने ही दी है,नीतीश कुमार आगे ले गये हैं । दोनों की राहें जुदा भले हों,लेकिन जादू ऐसा कि कोई जमींदार सत्‍ता के करीब तक पहुंचने की सोच भी नहीं सकता ।


ज्ञानेश्वर वात्स्यायन, पटना
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
लालू को भारत रत्‍न ! लालू को भारत रत्‍न ! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 25, 2013 Rating: 5

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