|एमटी रिपोर्टर|25 नवंबर 2013|
मंडल विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही विवादों
में रहा है. कभी लूट तो कभी घोटाले तो कभी जेल. विवादों से मानो बी.एन.एम्.यूं का
चोली-दमन का साथ रहा है. अभी भी विश्वविद्यालय अंदर से सुलग रहा है. छात्रों में
असंतोष चरम पर है.
वि.वि.
द्वारा पटना के चौधरी प्रिंटिंग प्रेस, जो पूर्व से ही ब्लैकलिस्टेड है, से अनुबंध
कर लिए गए. एनएसयूआई (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन) ने इस पूरे प्रकरण पर उच्च
स्तरीय जाँच की मांग कर दी है. दूसरा मामला स्नातक प्रथम एवं द्वितीय खंड के
परीक्षाफल को लेकर उठा है. परीक्षा हुए महीनों बीत गए हैं पर रिजल्ट का अतापता
नहीं है, मतलब परीक्षा विभाग चौपट. तीसरा मामला स्नातकोत्तर (प्रीवियस) का है
जिसमे अबतक नामांकन प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है जबकि विश्वविद्यालय द्वारा
बनाये गए एकेडमिक कैलेंडर में इस सत्र की पढ़ाई दिसंबर 2013 तक शुरू करने की बात
लिखित है. इसी तरह स्नातकोत्तर (प्रीवियस एवं अंतिम) के परीक्षा की तिथि भी घोषित
नहीं की गई है.
एनएसयूआई
के जिला उपाध्यक्ष श्रीकांत राय ने मंडल यूनिवर्सिटी के वीसी को एक लिखित आवेदन
देकर उनसे उपर्युक्त मामलों को सुलझाने की मांग की है. मांग यह भी है कि जल्द से
जल्द पार्वती साइंस कॉलेज मधेपुरा एवं फारबिसगंज कॉलेज फारबिसगंज में विभिन्न
विषयों के स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जाय. और साथ ही जीएलएम कॉलेज बनमनखी के
प्राचार्य की मनमानी से भी मुक्ति दिलाई जाय.
कुल मिलाकर तो
यही लगता है कि भारत भले ही मंगल पर पहुँच जाय, पर मंडल विश्वविद्यालय को अभी जमीन
पर ही चलने में काफी वक्त लगेंगे.
मंडल विश्वविद्यालय बोले तो चौपट व्यवस्था
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 25, 2013
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