|वि० सं०|05 अक्टूबर 2013|
‘वफ़ा न रास आई,
तुझे ओ हरजाई,
तुझे ओ हरजाई,
मुझे ओ
वेवफा
जरा ये तो बता,
जरा ये तो बता,
तूने आग
ये कैसी लगाई ?’
ये कैसी लगाई ?’
मधेपुरा
के एक 55 साल के अधिकारी ने जब पहली पत्नी के निधन के एक साल के अंदर ही दूसरा ब्याह
22 साल की ‘छमकछल्लो’ से रचा लिया तो लोग एक बार
सोचने लगे कि क्या इस उम्र में बाल-बच्चों की मर्जी के खिलाफ भी ऐसी हरकत की जा
सकती है ?
सवाल कई
थे और कहा जाता है कि बूढ़े अधिकारी की नई पत्नी अत्याधुनिक किस्म की थी और
जींस-टीशर्ट की शौकीन ‘मैडम’ हरवक्त मोबाइल से चिपकी नजर आती थी. ‘सर’ इस उम्र में ‘मैडम’ को देखकर मकबूल फ़िदा हुसैन बन
चुके थे. पर मधेपुरा टाइम्स ने पहले ही इस सम्बन्ध के स्थायी रहने पर शंका जताई
थी. पढ़ें: ‘मधेपुरा के 55 साल के अधिकारी ने ब्याह रचाया
22 साल की युवती से’.
और
जिससे डरते थे, वही बात हो गई. खबर चर्चा में है कि ‘हरजाई’ बीबी अधिकारी के घर से जेवरात और
बहुत से रूपये लेकर ‘सर’ को मझधार में छोड़कर फरार हो गई है. कहते हैं कि ‘सारी खुदाई एक तरफ, जोरू का भाई
एक तरफ’ का अक्षरशः पालन करते
हुए साहब ने हाल में ही अपने नए साले साहब को करीब 80 हजार की लागत का एक मोटरसायकिल
खरीद कर गिफ्ट भी दिया था. शायद अधिकारी महोदय को इस बात का एहसास हो चुका होगा कि
इस उम्र में कोई उम्रदराज हमसफ़र ही पूरी तरह साथ दे सकती है.
खैर, अब
तो सर के पास यह गीत गुनगुनाने के अलावे शायद कोई चारा नहीं है, कि-
‘कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे,
तडपता हुआ
जब कोई छोड़ दे,
तब तुम मेरे
पास आना प्रिये,
मेरा दर
खुला है, खुला ही रहेगा’.
तो क्या धन और धर्म लेकर भाग गई बूढ़े अधिकारी की कमसिन बीवी ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 05, 2013
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