रूद्राभिषेक के समय शिवलिंग |
|राकेश
सिंह|23 जून 2013|
कहते हैं
कि देवों के देव महादेव यानि रूद्र दुखों का नाश करने वाले और पूरे जगत के पालनहार हैं. वेद
रूप में भगवान शिव सबका कल्याण करने वाले हैं. पर भगवान रूद्र का अभिषेक करने से
मनुष्य के सभी दुखों का निवारण हो जाता है और उसे प्रगति के पथ पर आगे जाने से कोई
नहीं रोक सकता. ये भी कहा जाता है कि शीध्र
प्रसन्न होकर मनोवांछित
फल देने वाले भगवान शिव ही हैं.
रूद्राभिषेक के सम्बन्ध में धार्मिक मान्यता
है कि क्षीर सागर में सो रहे भगवान विष्णु की नाभि से उपजे कमल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी. अपनी
उत्पत्ति का कारण जानने के लिए जब ब्रह्मा भगवान
विष्णु तक पहुचे तो उन्होंने ब्रह्मा की उत्पत्ति का रहस्य बताया और कहा कि स्वयं उनकी वजह से ब्रह्मा की
उत्पत्ति हुई है. ब्रह्मा यह मानने के लिए तैयार
नहीं हुए और दोनों में भयंकर युद्ध हुआ. युगों तक चले इस युद्ध से नाराज भगवान रूद्र लिंग रूप में
प्रकट हुए. इस लिंग
का आदि अन्त जब कहीं पता नहीं चला तो ब्रह्मा और विष्णु ने हार मान ली. लिंग का अभिषेक किया, जिससे भगवान प्रसन्न हुए और दोनों का कल्याण किया. यहीं से रूद्राभिषेक की शुरूआत हुई.
का आदि अन्त जब कहीं पता नहीं चला तो ब्रह्मा और विष्णु ने हार मान ली. लिंग का अभिषेक किया, जिससे भगवान प्रसन्न हुए और दोनों का कल्याण किया. यहीं से रूद्राभिषेक की शुरूआत हुई.
रूद्राभिषेक का वैज्ञानिक आधार: वेदों
के मुताबिक़ रूद्राभिषेक से जनकल्याण होता है. इसके वैज्ञानिक आधार को यदि देखें तो
बात समझ में आ जाती है. पुरातन काल से ही अनाजों को कूट कर रस निकाल कर शिव को अर्पण किये
जाने की परम्परा है. इस कूट में अनाजों के सारे विकार आ जाते थे और शेष अनाज अमृत
रूप में मिल जाता था. इस कूट यानि अनाजों से निकले विकार और विष से भगवान शंकर का अभिषेक
होने और समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को कंठ में रख लेने से ही इन्हें नीलकंठ भी कहा गया है. पृथ्वी, वायु,
जल, आकाश और अग्नि से मानव का बना भौतिक शरीर कई
तरह की व्याधियों को समेटे हुए है. रूद्राभिषेक के समय बोले जाने वाले मंत्रों से इन
व्याधियों का नाश होता है. शिव स्तुति के समय ऊँची आवाज में उच्चारण किये मंत्रों
से शरीर और पूरे वायुमंडल को ऐसी शक्तियां मिलती हैं, जिनसे वायुमंडल
की अशुद्धि भी हटती है. कहने का तात्पर्य यह है कि भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक
शक्ति पाने के लिए भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक अत्यंत ही महत्वपूर्ण है.
रूद्राभिषेक से होता है दुखों का निवारण: रूद्राभिषेक का वीडियो देखें
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 23, 2013
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