बिजली समस्या: जर्जर तार और टोका से कनेक्शन भी हैं समस्या

|राकेश सिंह|17 मार्च 2013|
3 मेगावाट बिजली में मधेपुरा को सही बिजली आपूर्ति मिलना कहीं से संभव नहीं है. साथ ही जिले में बिजली के जर्जर तार भी सही आपूर्ति करने में बाधा उत्पन्न करते हैं. लेकिन यहाँ सबसे बड़ी समस्या बिना मीटर वाले ग्राहक उत्पन्न कर रहे हैं. जिले भर में टोका लगाकर हजारों ग्राहक न सिर्फ वाजिब ग्राहकों की आपूर्ति को डिस्टर्ब करते हैं बल्कि ट्रांसफार्मर में खराबी उत्पन्न करने में भी इनकी भूमिका होती है. कहा जाता है कि टोका लगाने वाले इस काम को स्थानीय बिजली मिस्त्री की मिलीभगत से करते हैं.
      मधेपुरा बिजली विभाग के एसडीओ अभय रंजन बताते हैं कि जिले भर के जर्जर तारों को बदलने की प्रक्रिया चल रही है. विभाग ने हाल के दिनों में जिले में कई जगह पुराने तारों को बदला भी है. टोका से बिजली जलाने वालों की भी जांच हो रही है. खराब ट्रांसफार्मर को बदलने की प्रक्रिया अक्सर ग्रामीण इलाकों में 72 घंटे और शहरी इलाकों में 48 घंटों में पूरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं.
      साथ ही बिजली की समस्या को गंभीरता से लेने के लिए प्रत्येक महीने के प्रथम शुक्रवार को एसडीओ के कार्यालय में अब जनता दरबार का भी आयोजन किया जा रहा है. पर समस्या के कुल मिलकर जस-के-तस रहने के पीछे की वजह जिले को होने वाली कम आपूर्ति ही है. कहने का मतलब यह है कि 18 मेगावाट की जगह 3 मेगावाट बिजली से जिले की जरूरत नहीं की जा सकती है पूरी.
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