भारतीय फिल्म शोले में जेल में सुरंग का जुमला काफी प्रचलित हुआ था. लेकिन जेल
में सुरंग हकीकत में तब्दील हुआ है नेपाल के सुनसरी जिला के झुमका जेल में जहाँ
सुरंग बनाकर 12 कुख्यात अपराधी फरार हो गए हैं जिनमें 5 भारतीय हैं. इनमे सबसे
प्रमुख नाम धीरेन्द्र यादव उर्फ मुखिया जी का है, जो सुपौल जिला के राघोपुर थाना
के चिकनापट्टी गाँव का निवासी है.
झुमका कारागार के प्रमुख
राम प्रसाद उपाध्याय के अनुसार गुरूवार की देर रात सुरंग बनाकर 12 कुख्यात अपराधी
भागने में सफल रहे. उन्होंने माना कि इस घटना में जेलकर्मियों की संलिप्तता भी
उजागर हुई है. खास बात यह है कि सुरंग लगभग तीस मीटर लंबा बनाया गया जो जेल के बगल
स्थित एक फर्नीचर दुकान के रास्ते बाहर होती है. स्पष्ट है कि सुरंग बनाने की कवायद
कई दिनों से जारी थी. बहरहाल इस घटना के बाद नेपाल पुलिस के साथ-साथ
कोसी-पूर्णियां क्षेत्र की पुलिस की आँखों की नींद भी उड़ चुकी है.
धीरेन्द्र यादव उर्फ
मुखियाजी वर्ष 2006 में राघोपुर के डुमरी पंचायत के मुखिया विपिन चौधरी की हत्या
के बाद सुर्ख़ियों में आया. उसके बाद अपहरण, हत्या और रंगदारी जैसे कृत्य के बाद
अपराध की दुनियां में चर्चित नाम बन बैठा. 07 फरवरी 2007 को फारबिसगंज के जाने
माने उद्योगपति अरूण गोलछा की हत्या के बाद वह खासा चर्चित बन बैठा. विगत चार
वर्षों से धीरेन्द्र हत्या के एक मामले में नेपाल जेल में बंद था जहाँ उसे बीस
वर्ष बिताने थे. भगोड़ों में धीरेन्द्र का शागिर्द त्रिवेणीगंज के भूरा निवासी बमबम
यादव भी शामिल है जिसे हत्या के एक मामले में बीस वर्ष की सजा सुनाई गयी थी. इसके
अलावा सहरसा जिले के खमौती गाँव का सुभाष
यादव और सरफराज आलम तथा अररिया का जाकिर
मियां भी भागने वालों में शामिल है. जाकिर मियां पूर्व में भी वीरपुर कारा से फरार
हो चुका है.
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फरार अपराधियों में सात
नेपाली नागरिक हैं जिसमें मोस्ट वांटेड अली अशरफ अंसारी भी शामिल हैं जिसे इंटरपोल
की मदद से गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा फारूख राय, रमेश सादा, विनायक यादव,
मुमताज मियां, रमेश यादव तथा हरिश्चंद्र यादव भी शामिल हैं. इन कुख्यातों के खुली
हवा में आने के बाद नेपाल में भी हडकंप मचा हुआ है.
धीरेन्द्र यादव की फरारी
सुपौल और अररिया पुलिस के लिए खासतौर पर चुनौती साबित हो सकती है क्योंकि धीरेन्द्र
की कुछ चर्चित लोगों से व्यक्तिगत अदावत है. आधुनिक हथियार और संगठित गिरोह के
सरगना रहे धीरेन्द्र की फरारी से अपराध की दुनियां में कई रंग देखने को मिलेंगे,
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है. बकौल सुपौल के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार “हमारी नजर हर पहलू पर है, कानून
व्यवस्था की स्थिति कायम रहेगी”.
जेल में सुरंग: मोस्ट वांटेड धीरेन्द्र फरार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 09, 2012
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is tarah ke apradhi ka azad ho jana chinta ki bat hai..
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