आने वाले हर पल के साथ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....
टूटते बिखरते सपनो के साथ ,
हर अनजाने और अपनों के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....
तनहा अपने ख्यालो के साथ ,
जिन्दगी के उलझते सवालो के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है....
कागज़ पर अनलिखे शब्दों के साथ ,
अपनी कविताओं के अनकहे अर्थो के साथ....
मैंने तुम्हे याद किया है.....
तारो को गिनते-गिनते गुजरती रातो के साथ ,
तुम्हारे बिन ढलती शामों के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है....
मंजिल को भटकती राहो के साथ ,
हर सफ़र पर तुम्हे तलाशती आखों के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....
इस तरह तुम मेरी जिन्दगी के हर लम्हे में शामिल हो ,
मैंने तुम्हे याद किया आती जाती सांसो के साथ......
मैंने तुम्हे याद किया है.....
टूटते बिखरते सपनो के साथ ,
हर अनजाने और अपनों के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....
तनहा अपने ख्यालो के साथ ,
जिन्दगी के उलझते सवालो के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है....
कागज़ पर अनलिखे शब्दों के साथ ,
अपनी कविताओं के अनकहे अर्थो के साथ....
मैंने तुम्हे याद किया है.....
तारो को गिनते-गिनते गुजरती रातो के साथ ,
तुम्हारे बिन ढलती शामों के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है....
मंजिल को भटकती राहो के साथ ,
हर सफ़र पर तुम्हे तलाशती आखों के साथ ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....
इस तरह तुम मेरी जिन्दगी के हर लम्हे में शामिल हो ,
मैंने तुम्हे याद किया आती जाती सांसो के साथ......
--सुषमा आहुति, कानपुर
मैंने तुम्हे याद किया है.....!!! ///सुषमा आहुति
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 11, 2012
Rating:
achchhi kavita
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