सिविल सर्जन कार्यालय में लूट-खसोट ???

नि० सं०/14/10/2012
सिविल सर्जन कार्यालय मधेपुरा में लगातार कई वर्षों से स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अवैध तरीके से यात्रा भत्ता के नाम पर लाखों रूपये सरकारी राशि का लूट-खसोट किया जाता रहा है और इस कार्य में वर्तमान सिविल सर्जन परशुराम प्रसाद की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
            उक्त आरोप लगते हुए अधिवक्ता सह जदयू व्यावसायिक प्रकोष्ठ के महासचिव राजेन्द्र कुमार ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखते हुए जांच की मांग की है. श्री कुमार ने आगे आरोप लगाया है कि जिले के अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मियों के नियोजन हेतु पैनल बनाया गया है और कुछ कर्मियों की बहाली रिश्वत लेकर की गयी है पर पैनल में बचे अभ्यर्थियों का नियोजन अबतक नहीं किया गया है. परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी योजनाओं के ढंग से क्रियान्वयन पर प्रतिकूल असर पड़ता है.
            आरोप ये भी लगे हैं कि लगातार तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही जगह कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों का कागजी स्थानांतरण तो कुछ न कुछ होता है पर रिश्वत के बल पर स्थानांतरित कर्मचारी अपना स्थगन करवा पहले के स्थान पर ही जमे रहते हैं और मनमाने ढंग से सरकारी योजना को कार्यरूप देते हैं जिसके परिणामस्वरूप योजनाओं से सम्बंधित कार्य कागज पर ही ज्यादा और सरजमीन पर कम दिखता है.
            अधिवक्ता द्वारा लगाये आरोप और जांच की मांग का क्या असर होता है ये तो देखना अभी बाक़ी है, पर सूत्रों का भी मानना है कि बिहार में घोटालों के मामलों में स्वास्थ्य विभाग काफी आगे है.
सिविल सर्जन कार्यालय में लूट-खसोट ??? सिविल सर्जन कार्यालय में लूट-खसोट ??? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 14, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. Madhepura Times toh bas Madhepura ke bhrastachar ki baat karta hai..sochiye pure Bihat mein kya hota hoga..Bihar Sarkar ko Madhya Pradesh se sikhna chahhiye jahan se hamesha Bhrasht karmachariyon ke pakde jane ki khabar ati hai

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