आरिफ आलम/01/10/2012
जिले के चौसा प्रखंड में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक
की कारिस्तानी से इन दिनों वहाँ का एक स्वयं सहायता समूह परेशान है. हजरत अली
स्वयं सहायता समूह का बैंक अकाउंट से निकासी पर उक्त बैंक ने रोक लगा दी है. और
इसके पीछे की गलती के लिए बैंक ही जिम्मेवार है. पिछले साल खता कूलने के समय से
स्वयं सहायता समूह का काम नियमित ढंग से बैंक के माध्यम से चल रहा था. मसाला
उद्योग की ख्वाहिश लिए इस स्वयं सहायता समूह के सदस्य जब इस बावत बैंक गए तो
ब्रांच मैनेजर ने उन्हें बताया कि उनके खाते से निकासी पर रोक इसलिए लगा दी गयी है
कि ये खाता ही गलत खुल गया था. पूर्व के बैंक कर्मचारी की गलती की वजह से ऐसा हुआ
है.
पर
खाता से निकासी पर से रोक कई महीने से नहीं हटाये गए हैं. बात प्रक्रिया में है कह
कर बैंक इस स्वयं सहायता समूह के बारहों सदस्यों को महीनों से टाल रही है. एक तरफ
तो सरकार का दावा है कि वे स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित करते हैं ताकि गाँवों
में रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जा सके. दूसरी तरफ बैंक अपनी गलती का भी
खामियाजा इन्हें ही भुगतने को बाध्य करती है. हजरत अली स्वयं सहायता समूह के मो०
गफ्फार, मो० शोहराब, मो० असगर अली, तब्सीर अहमद आदि तो अब आजिज आकर ये कहते हैं कि
इस सरकार में सिर्फ बड़े-बड़े दावे हो रहे हैं, काम कुछ नहीं.
चौसा
प्रखंड में सिर्फ इसी स्वयं सहायता समोह का ये हाल नहीं है. दो और भी स्वयं सहायता
समूह बैंक की गलती से परेशानी झेलने को विवश है.
बैंक की लापरवाही से स्वयं सहायता समूह आफत में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 01, 2012
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