दर्द बांटने वाले कम मिलेंगे..//रचना भारतीय

जिन्दगी की राह में जब गम मिलेंगे ..
हर तरफ निराशाओं के मौसम मिलेंगे |

इस शहर में दोस्तों की बात मत कर.........
हर कदम पर इस जगह दुश्मन मिलेंगे |

संवेदनाएं आदमी की मर चुकी हैं ..............
एक से बढ़ कर एक बेरहम मिलेंगे |

अपने जख्म न कहना किसी से भूलकर भी ......
दर्द बाँटने वाले बहुत कम मिलेंगे |

जब इंसानियत की इस कदर बेईज्ज़ती हो .........
तो हैवानियत के किस्से ही हरदम मिलेंगे |

लोग जब समझने लगे ताक़त की ही भाषा.........
फिर कैसे हमे शांति के उपवन मिलेंगे |


--रचना भारतीय, मधेपुरा
दर्द बांटने वाले कम मिलेंगे..//रचना भारतीय दर्द बांटने वाले कम मिलेंगे..//रचना भारतीय Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 08, 2012 Rating: 5

5 comments:

  1. Well-Written, Rachna Ji. .
    Superb Poem. . .

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  2. बहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना...

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  3. Aapki tarah sunder , sach ,najuk aur kathor kavita. Wah rachna jee.

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  4. Bahut khoob likha hai aapne, nice one......

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  5. bahut khoob likha hai aapne, nice one....

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