आरिफ आलम/23 जून 2012
अब आइये राज्य में महिलाओं की स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन लाने का दावा करने वाले सुशासन बाबू के इस स्कूल की महिला शिक्षिकाओं की करतूत सुनें यहाँ के ग्रामीण से.कई ग्रामीण कहते हैं कि शिक्षिका कल्पना और नीलम ने कुछ वर्ष पहले इस स्कूल में योगदान देने के बाद शायद ही दर्शन देती हैं.और यदि कभी दर्शन देती हैं तो और ग्रामीण जब इन्हें स्कूल आने को कहते हैं तो ये कहती हैं कि ज्यादा तंग करोगे तो मानहानि का मुकदमा कर देंगे.
ये तो संयोग कहिये कि इस बार पोलियो अभियान में इस गाँव के ग्रामीणों ने विकास के नाम पर विरोध किया और जब अधिकारी गाँव पहुंचे तो स्कूल का मुद्दा भी उभर कर सामने आ गया.एसडीओ उदाकिशुनगंज मुकेश कुमार ने इस स्कूल को भी गंभीरता से लिया और फ़ौरन कार्यवाही की बात कही और ये भी कहा कि कैसे यहाँ के शिक्षकों का पेमेंट होता है,अब बीईओ की खबर लेते हैं.उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस स्कूल को एक सप्ताह के अंदर खुलवा देंगे.
अब देखना है कि क्या यहाँ के लोगों को अब भी शिक्षा नसीब हो पाती है या फिर इस स्कूल का लटका ताला विकास को इसी तरह मुंह चिढ़ाता रहेगा.
शिक्षा के नाम पर तमाशा बना स्कूल:फरार शिक्षिका देती है धमकी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 24, 2012
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